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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर में दो साधु समेत तीन लोगों की हुई मॉब लिंचिंग की घटना को राज्य सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें 110 में से 101 लोगों को 30 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है जबकि नाबालिगों को जुवेनाइल सेंटर होम में भेजा गया है। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से रविवार की शाम को यह कहा गया कि पालघर घटना पर कार्रवाई की गई है और पुलिस ने दो साधु, एक ड्राईवर की मॉब लिंचिंग और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

महाराष्ट्र सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया

महाराष्ट्र के पालघर जिले में चोर होने के संदेह में गुरुवार रात तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर देने के मामले में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को यह जानकारी दी।

देशमुख ने इस इस घटना को कोई सांप्रदायिक रंग नहीं देने की भी चेतावनी दी है क्योंकि तीन मृतकों में दो लोग साधु बताये जा रहे हैं। देशमुख ने ट्वीट किया, '' सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 101 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।''

देशमुख ने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं। देशमुख ने कहा, ''पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे।'' भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।

क्या है पूरा पालघर का मॉब लिंचिंग मामला

दरअसल, दो साधु और एक ड्राईवर को महाराष्ट्र के पालघर में बीते गुरुवार की देर रात करीब 200 लोगों ने मॉब लिंचिंग कर दी। पुलिस ने इस घटना पर बीते शुक्रवार को बताया कि तीन दिन में यह दूसरी ऐसी घटना है। पुलिस के मुताबिक, मॉब ने इको वैन में बैठे दोनों साधु और उनके ड्राईवर को चोर समझकर उनकी मॉब लिंचिंग कर दी। कासा पुलिस थाने के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर आनंदराव काले ने कहा कि वैन नासिक से आ रही थी जब गुस्साई भीड़ ने दधाडी-खानवेल रोड पर गधचिंचाले गांव के नजदीक रोका।

काले ने कहा कि मॉब ने पहले वैन रोककर सवाल पूछे और उसके बाद खींचकर उनकी पिटाई शुरू कर दी। ड्राईवर किसी तरह पुलिस को कॉल किया और टीम मौके पर पहुंच गई। आनंद राव काले ने कहा- मॉब में काफी संख्या लोग थे और हमने साधुओं और ड्राईवर को बचाने की कोशिश की लेकिन मॉब ने हम पर भी हमला किया और पत्थर फेंकने लगे। जिसका नतीजा ये हुआ कि तीनों ने पिटाई के चलते वहीं पर दम तोड़ दिया।

अखाड़ा परिषद ने पालघर घटना की कड़ी निंदा की

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाड़ा के दो संतों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना की रविवार को कड़ी निंदा की। साथ ही, सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के दौरान यदि कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है तो उसकी समाधि में न जाएं। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि ये संत महात्मा, एक संत की समाधि में शामिल होने जा रहे थे और उन्हें जाना भी चाहिए, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि लॉकडाउन में इसके लिए उन्हें प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए थी।

पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणववीस ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

उधर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी हत्या के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। फडणवीस ने ट्वीट करते हुए कहा- पालघर में मॉब लिंचिंग घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। उन्होंने आगे लिखा कि मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले की हाई लेवल जांच करवाएं और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

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