मुंबई: बांद्रा टर्मिनल पर मंगलवार को जुटी हजारों कामगारों की भीड़ और पुलिस लाठीचार्ज को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साफ किया कि ये सबकुछ ट्रेन चलने की अफवाह के चलते हुआ है। उन्होंने कहा कि बांद्रा की घटना पर किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है, बाहरी मजदूरों के खाने-पीने के इंतजाम किया जा रहा है। उद्धव ने कहा कि कोरोना की समस्या ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि सभी त्योहारों के दौरान भी घर रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। महाराष्ट्र सीएम ने कहा, मैं भीम सैनिकों से अंबेडकर जयंती को लेकर यह कहना चाहता हूं कि वे एकजुट होने से बचे और अपने घरों में रहें। कोरोना वायरस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में 2,334 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि, उनमें से 230 इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हुए, जबकि 32 लोगों की हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है।
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए किया लाठीचार्ज
बांद्रा में हुए लाठीचार्ज को लेकर मुंबई पुलिस के पीआरओ का कहना है कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर उनसे बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की।
इस दौरान भीड़ का एक हिस्सा हिंसक हो गया इसलिए उन्हें नियंत्रित करने के लिए हल्के बल का इस्तेमाल करना पड़ा। भीड़ को तितर-बितर किया गया। पुलिस तैनात कर दी गई है और अब स्थिति सामान्य है।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने कहा, नियंत्रण में हालात
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देखमुख ने कहा कि शहर के बांद्रा स्टेशन के बाहर एकत्र हुए सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को संभवत: आशा रही होगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य की सीमाओं को खोलने का आदेश देंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें (प्रवासियों का) बता दिया है कि सीमाएं नहीं खुलेंगी और स्थिति अब नियंत्रण में है। अनिल देशमुख ने कहा कि प्रवासियों को यह आश्वासन दिये जाने के बाद कि उनके रहने-खाने की व्यवस्था राज्य करेगा, भीड़ अपने-आप हट गई।द्रा की घटना पर फोन कर चिंता जाहिर की। अमित शाह ने कहा कि ऐसी घटना कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करेगी। उन्होंने महाराष्ट्र को पूरा समर्थन देने की बात कही।
आदित्य ठाकरे ने केंद्र पर फोड़ा ठीकरा
बांद्र स्टेशन पर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाती जमा हजारों मजदूरों की भीड़ के लिए महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन एवं पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। आदित्य ने कहा कि बांद्रा स्टेशन पर ताजा स्थिति और सूरत में मजूदरों का उपद्रव केंद्र सरकार की विफलता की वजह से है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजूदरों को वापस घर भेजने की व्यवस्था पर केंद्र सरकार कोई फैसला नहीं कर पा रही है, उन्हें भोजन या रहने का ठिकाना नहीं चाहिए बल्कि वे घर वापस जाना चाहते हैं।
आदित्य ने ताबड़तोड़ किए ट्वीट्स में कहा, "जिस दिन ट्रेनें बंद की गईं, राज्य सरकार ने आग्रह किया था कि ट्रेनें 24 घंटे के लिए चलाईं जाएं ताकि प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट सकें। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी ने प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी यह मुद्दा उठाया था और प्रवासी मजूदरों को घर भेजने के लिए रोडमैप बनाने की मांग की थी। केंद्र द्वारा तैयार किया गया रोडमैप प्रवासी मजदूरों को एक राज्य से दूसरे राज्य में उनके घरों तक सुरक्षित और प्रभावकारी तरीके से पहुंचाने में मददगार होगा। यह मुद्दा केंद्र के साथ फिर उठाया गया है।"