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पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में डी वाई पाटिल अस्पताल में इलाज करा रहे एक दुर्घटना पीड़ित के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद डॉक्टरों समेत इस अस्पताल के कम से कम 92 कर्मियों को पृथक वास (क्वारंटाइन) में भेज दिया गया है। एक अधिकारी ने सोमवार (6 अप्रैल) को यह जानकारी दी। नगर निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कोविड-19 के इस मरीज के तबलीगी जमात के साथ प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध होने की अटकलों से इनकार किया है। तबलीगी जमात ने पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया था जो इस देश में कोरोना वायरस महामारी के फैलने के केंद्र के रूप में उभरा है।

डी वाई पाटिल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डीन जितेंद्र भावलकर ने बताया कि यह मरीज ऑटोरिक्शा ड्राइवर है और वह 31 मार्च को दुर्घटना का शिकार हुआ था। उन्होंने कहा, ''करीब तीस साल का यह व्यक्ति 31 मार्च को दुर्घटना के बाद अस्पताल के आपातकालीन संभाग में लाया गया था।

उसका ऑपरेशन किया गया और अगले दिन उसे ज्वर आ गया। डॉक्टरों को आशंका हुई और उसके नमूने कोरोना व़ायरस परीक्षण के लिए भेजे गये। जांच में उसे संक्रमण की पुष्टि हुई।" इस मरीज को तत्काल यशवंतराज चव्हाण मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया।

भावलकर ने कहा, ''तब हमने उसके संपर्क में आए लोगों को ढूढने की कोशिश की तथा ऐहतियात के तौर पर 42 डॉक्टरों एवं 50 अर्धचिकित्साकर्मियों को पृथक वास में भेज दिया गया। उनके नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।" उन्होंने कहा कि कुछ लोग दावा करते हैं कि उसका तबलीगी जमात से संबंध है, जबकि कुछ अन्य का कहना है कि उसने जमात के लोगों को पहुंचाया था हादसे के बाद भर्ती होने के उपरांत डी वाई पाटिल अस्पताल से यह सूचना भी छिपाई। हालांकि जब पिंपरी चिंचवड़ के निगम आयुक्त से पूछा गया कि मरीज का क्या तबलीगी जमात से कोई संबंध है, तो उन्होंने कहा कि मरीज का इस संगठन से कोई संबंध नहीं है। डी वाई पाटिल अस्पताल पिंपरी चिंचवड़ में है।

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