मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरूवार को राज्य के लोगों से अपील की कि वे अनावश्यक रूप से अपने घरों से बाहर नहीं निकलें ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके। ठाकरे ने ''विषाणु के खिलाफ युद्ध में लोगों से सहयोग मांगते हुए कहा कि सरकार की अपील के बाद सार्वजनिक स्थलों पर जाने वालों और सार्वजनिक यातायात प्रणाली का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से समाप्त होना चाहिए। ठाकरे ने टीवी पर प्रसारित 10 मिनट के संबोधन में कहा, ''यह एक विषाणु के खिलाफ युद्ध है और हम डर कर या घबरा कर नहीं, बल्कि संकल्पबद्ध होकर ही इससे निपट सकते हैं।
उन्होंने कहा, ''लोगों को घबराना नहीं चाहिए, लेकिन उन्हें अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।... सार्वजनिक वाहनों में भीड़ कम हुई है, लेकिन इसे पूरी तरह समाप्त होना चाहिए। हम सार्वजनिक परिवहन को बंद करने का बड़ा कदम नहीं उठाना चाहते, लेकिन गैर जरूरी यात्राएं बंद होनी चाहिए।
ठाकरे ने कहा कि चिकित्सका कर्मी, पुलिस कर्मी, एनजीओ और सार्वजनिक परिवहन कर्मी हालात से निपटने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, '' यदि वे आपके लिए लड़ रहे हैं तो क्या आप घरों में रहकर इस संकट से निपटने में उनकी मदद नहीं कर सकते? ठाकरे ने कहा, ''लोगों को घर से काम करना चाहिए और बाहर निकलना बंद कर देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना वायरस संबंधी हालात को लेकर बात की है और प्रधानमंत्री ने राज्य को हर संभव मदद मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि लोगों को मौजूदा हालात से निपटने के लिए सरकार द्वारा जारी नियमों और निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, ''अपनी यात्राओं का विवरण छुपाना और लौटने के बाद घरों से बाहर निकलना गलत है।
ठाकरे ने कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार कर रहे चिकित्सका कर्मियों की तुलना सैनिकों से की। उन्होंने कहा कि सरकार और आधिकारिक तंत्र इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। ठाकरे ने कहा कि यह संक्रमण अन्य देशों से आया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि राज्य में जांच केंद्र बढ़ाए जा रहे हैं।