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मुंबई: विशेष अदालत ने धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर की प्रवर्तन निदेशालय को दी गई हिरासत अवधि सोमवार (16 मार्च) को 20 मार्च तक के लिए बढ़ा दी। निजी क्षेत्र के बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ को ईडी ने आठ मार्च को धन शोधन निषेध कानून के तहत गिरफ्तार किया क्योंकि वह कथित रूप से यस बैंक से जुड़े संकट की जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। शुरुआत में 62 वर्षीय कपूर को 11 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा गया था, फिर हिरासत की अवधि में विस्तार करते हुए उसे 16 मार्च तक कर लिया गया।

कपूर की हिरासत अवधि सोमवार को समाप्त होने के बाद उन्हें विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश पी.पी. राजवैद्य के समक्ष पेश किया गया। जांच एजेंसी के अनुरोध पर अदालत ने कपूर को 20 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। इस बीच कपूर ने अदालत को बताया कि उसे अस्थमा और अवसाद की दिक्कत है। बैंकर ने कहा, ''मैं सिर्फ आपको बताना चाहता हूं कि मेरा परिवार इलाज मुहैया करा रहा है, लेकिन मैं नहीं जानता कि यह कब बिगड़ जाएगा।"

राणा कपूर पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में विभिन्न निकायों को 30 हजार करोड़ रुपए के कर्ज आवंटित किए। ईडी के अनुसार, ''इनमें से 20 हजार करोड़ रुपए के कर्ज एनपीए बन गए।" प्रवर्तन निदेशालय यह जांच कर रही है कि इन पैसों का किस तरह हेर-फेर हुआ।

13 मार्च को सीबीआई ने भी दर्ज किया है मामला

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और उनकी पत्नी बिंदू के खिलाफ एक रीयल्टी कंपनी से दिल्ली के पॉश इलाके में एक बंगले की खरीद के जरिए कथित रूप से 307 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का नया मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार (13 मार्च) को बताया कि कपूर और उनकी पत्नी ने रीयल्टी कंपनी से बाजार मूल्य से आधे दाम पर बंगला हासिल किया। बदले में रीयल्टी कंपनी को 1,900 करोड़ रुपए का कर्ज उपलब्ध कराया गया।

एजेंसी को संदेह है कि अमृता शेरगिल मार्ग पर कपूर को 1.2 एकड़ का बंगला सस्ते मूल्य पर ब्लिस एबोड प्राइवेट लि. के जरिए रिश्वत के रूप में दिया गया। गौतम थापर प्रवर्तित अवांता रीयल्टी एंड ग्रुप कंपनीज ने कपूर को यह रिश्वत यस बैंक से लिए गए 1,900 करोड़ रुपए के ऋण को वसूल नहीं करने के एवज में दी गई। कपूर की पत्नी ब्लिस एबोड प्राइवेट लि. के दो निदेशकों में से एक हैं। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने थापर, राणा कपूर और उनकी पत्नी बिंदू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोधक कानून के प्रावधानों के तहत कथित रूप से आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया है।

जांच एजेंसी ने दिल्ली और मुंबई में कई स्थानों पर छापेमारी की है। इनमें कपूर और उनकी पत्नी बिंदु के मुंबई स्थित आवास और कार्यालय, ब्लिस एबोड के कार्यालय, दिल्ली-एनसीआर में अवांता रीयल्टी और इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लि. के कार्यालय शामिल हैं। आरोप है कि कपूर ने यह बंगला 378 करोड़ रुपए में खरीदा था। इसके लिए ब्लिस एबोड के जरिए भुगतान किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि इसके तत्काल बाद इस संपत्ति को इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लि. के पास 685 करोड़ रुपए के ऋण के लिए गिरवी रख दिया गया, जो इसके बाजार मूल्य से 307 करोड़ रुपए कम था।

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