मुंबई: बीफ यानी गोमांस को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में गाय के वध पर प्रतिबंध के राज्य सरकार के निर्णय को बरकरार रखा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के बाहर से लाए गए बीफ को रखने का अपराधीकरण करने वाले महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून के अनुच्छेद को रद्द किया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि महाराष्ट्र में बीफ रखना अब जुर्म नहीं है और इस पर सजा नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि राज्य में गोहत्या अब भी गैरकानूनी है, लेकिन बाहर से बीफ मंगा सकते हैं। यानी बाहर से बीफ मंगाना अपराध नहीं है। गौर हो कि महाराष्ट्र गोहत्या अभी भी अपराध घोषित है। गौर हो कि इससे पहले जनवरी में बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में बीफ पर विस्तृत पाबंदी लगाने वाले कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अर्जियों पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। राष्ट्रपति ने पिछले साल फरवरी में महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून 1976 को मंजूरी दी थी। वर्ष 1976 के वास्तविक कानून में गौकशी यानी गोवध पर पाबंदी लगाई गई थी जबकि संशोधित कानून में सांडों के वध के साथ बीफ रखने तथा खाने पर भी रोक लगा दी गई।
वध के लिए पांच साल की सजा और दस हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है जबकि बीफ रखने पर एक साल की सजा और दो हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान रखा गया था।