मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि वह महाराष्ट्र में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू नहीं होने देंगे। शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साक्षात्कार में ठाकरे ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नागरिकता छीनने को लेकर नहीं है। यह देने के लिए है। हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के लिए नागरिकता साबित करना मुश्किल होगा। मैं ऐसा होने नहीं दूंगा। सीएए को लेकर शिवसेना ने लोकसभा में पहले भाजपा का समर्थन किया था। हालांकि जब यह राज्यसभा पहुंचा तो उसने सदन से वाक आउट कर दिया था।
उद्धव ठाकरे का यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब सीएए और एनआरसी को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग सहित देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएए मुसलमानों और संविधान के खिलाफ है। इसके अलावा यह धर्म के आधार पर भेदभाव करता है।
आपको याद दिला दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों को बाहर निकालने को लेकर मोदी सरकार को अपना समर्थन देने के दो दिन बाद शिवसेना ने कहा था कि इन देशों के मुस्लिम घुसपैठियों को भारत से बाहर निकाला जाना चाहिए।
शिवसेना ने हिंदुत्व की ओर अपनी विचारधारा बदलने के लिए राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था कि वीडी सावरकर और दिवंगत पार्टी संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा प्रसारित विचारधारा के तौर पर हिंदुत्व का मुद्दा लेकर चलना बच्चों का खेल नहीं है। उसने यह कहते हुए उन्हें ताना मारा कि दो झंडे होना दिखाता है कि दिमाग में भ्रम है।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिम घुसपैठियों को भारत से बाहर करना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए। लेकिन यह देखना दिलचस्प है कि एक पार्टी इसके लिए अपना झंडा बदल रही है। दो झंडे होना दिमाग में भ्रम की स्थिति दिखाता है।