मुंबई: महाराष्ट्र के मालेगांव बम ब्लास्ट मामले के सभी 9 मुस्लिम आरोपियों को मुंबई की विशेष अदालत ने सोमवार को बरी कर दिया है। इनमें से एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है जबकि 6 को 2011 में जमानत दे दी गई थी। 2 आरोपी (आसिफ व मोहम्मद अली) मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले को लेकर अभी भी जेल में हैं। विशेष मकोका कोर्ट में जस्टिस वीवी पाटिल की अध्यक्षता वाली पीठ ने नुरूल हुदा, रईस अहमद, सलमान फारसी, फारूक मगदुमी, शेख मोहम्मद अली, आसिफ खान, मोहम्मद जाहिद और अबरार अहमद को बरी कर दिया। इसके अलावा कुछ महीने पहले दुर्घटना में मारे गए शब्बीर अहमद को भी आरोपमुक्त कर दिया गया। 9 आरोपियों में से छह मालेगांव और 3 मुंबई के रहने वाले हैं। इनमें से अधिकतर रिश्तेदार हैं। क्या था मामला 8 सितंबर, 2006 को मालेगांव में एक मस्जिद, कब्रिस्तान और बाजार में हुए धमाकों में 37 लोग मारे गए थे। जबकि 100 से ज्यादा घायल हुए थे। करीब एक महीने बाद एटीएस ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर धमाके करने के आरोप में इन 9 लोगों को गिरफ्तार किया। दावा किया गया कि ये सभी सिमी के सदस्य हैं सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए यह धमाके किए गए। एनआईए की जांच से बदली दिशा एटीएस से जांच सीबीआई को सौंप दी गई। इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई।
इसके बाद से जांच की दिशा ही बदल गई और घटना के पीछे हिंदू संगठन का हाथ होने की बात भी सामने आई। 2011 में एनआईए ने स्पष्ट भी कर दिया कि वे इन आरोपियों की जमानत का विरोध नहीं करेगी।