मुंबई: मुंबई में 6 दिसंबर 2002 से 13 मार्च 2003 के बीच हुए 3 धमाकों के मामले में पोटा की विशेष अदालत ने मंगलवार को फैसला सुना दिया है। इस फैसले में कोर्ट ने 13 आरोपियों में से 10 को दोषी ठहराया है और तीन को बरी कर दिया है। इस आदेश में सजा पर कुछ नहीं कहा गया है। सजा का ऐलान बाद में किया जाएगा। आरोपी : मोहमद कामिल , नूर मोहम्मद अंसारी, अनवर अली को सिर्फ सिर्फ आर्म्स एक्ट में दोषी पाया गया है। आरोपी : गुलाम अकबर पोटा में दोषी , एक्सप्लोसिव में दोषी पाया गया है। आरोपी : फरहान मलिक पोटा सहित 5 आरोप में दोषी पाया गया है। आरोपी : डॉ वाहिद जब्बार अंसारी को पोटा सहित 4 धाराओं में दोषी पाया गया है। आरोपी : मुजम्मिल अख्तर अब्दुल अंसारी को पोटा सहित कुल 18 धाराओं में दोषी पाया गया है। आरोपी : नदीम पलवा, हारून रशीद लोहार, अदनान बिलाल मुल्ला -तीनो आरोपी बरी कर दिए गए हैं। पहला बम धमाका 6 दिसंबर 2002 को मुंबई सेन्ट्रल रेलवे स्टेशन पर मैकडोनल्ड में हुआ था । धमाके में 22 लोग जख्मी हुए। राजधानी एक्सप्रेस छूटने के कुछ मिनट पहले हुआ था यह धमाका।
दूसरा बम धमाका 27 जनवरी 2003 को विलेपार्ले रेलवे स्टेशन के बाहर सब्जी मार्केट में हुआ था । धमाके में कुल 30 लोग जख्मी हुए थे।धमाका गणतंत्र दिवस के एक दिन बाद हुआ था । जबकि तीसरा बम धमाका 13 मार्च 2003 को मुलुंड स्टेशन पर लोकल ट्रेन में हुआ था । 10 की मौत हुई थी और 50 से अधिक जख्मी हुए थे। यह तीनों धमाके अलग-अलग हुए थे लेकिन जांच में पता चला कि सिमी के एक ही मोड्यूल ने तीनों धमाकों को अंजाम दिया है इसलिए सभी मामलों को एक साथ जोड़कर मुकदमा चला। तब पोटा कानून अस्तित्व में था इसलिये पोटा के तहत दर्ज उस मुक़दमे में कुल 16 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर कर मुकदमा चला। सिमी एक्टिविस्ट और पुराने कई मामलों से जुड़े साक़िब नाचन को धमाकों का मास्टर माइंड बताया गया। कालान्तर में आरोपी नंबर 10 यानी कि आरिफ हुसैन सादिक हुसैन शैख़ को अदालत ने डिस्चार्ज कर दिया। जबकि आरोपी नंबर 14 राशिद अहमद अब्दुल मलिक अंसारी और आरोपी नंबर 16 मोहम्मद सैयद सादिक तुराब अली की मौत हो गई। बाकी बचे 13 में से 12 जमानत पर हैं। पकड़े गए ज्यादातर 8 साल की सजा काट चुके हैं और वर्तमान में जमानत पर हैं। मामले में 5 से ज्यादा आरोपी फरार हैं। जिनमे ताहेर और नूर मोहम्मद मलिक अंसारी ने पकड़े गए आरोपियों को बम बनाना सिखाया था। इन्होंने ठाणे में पडघा के पास महोली के पहाड़ पर ट्रेनिंग दी थी। पुलिस का दावा है कि इसी मोड्यूल ने ठाणे के एक वकील सहित 3 लोगों की हत्या की थी। जिसके लिए उनपर अलग से मामले चल रहे हैं। धमाकों का पाकिस्तान कनेक्शन : पुलिस के मुताबिक तीनों धमाकों के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं क्योंकि धमाकों को अंजाम दिलाने में 2 पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था जिनमें एक अबू अनवर अली पाकिस्तानी सेना से जुड़ा हुआ था। दूसरा पाकिस्तानी अबु सुल्तान उर्फ़ फैज़ल खान उर्फ इरफ़ान था। इरफ़ान ने बंगलोर में कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर भी खोल रखा था। इनके साथ जम्मू कश्मीर का मोहमद इक़बाल वाणी भी था। पुलिस की माने तो तीनों ही मुंबई और गुजरात में आतंकी कार्रवाई को अंजाम देने के इरादे से आए थे। वो कुछ दिन कल्याण में किसी जगह ठहरे थे। पडघा में जाकर साक़िब नाचन से भी मिले थे। 29 मार्च 2003 को मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के एनकाउंटर स्पेस्लिस्ट प्रदीप शर्मा, सचिन वझे और दया नायक ने गोरेगांव हाईवे पर तीनो को एनकाउंटर में मार गिराया था। तलाशी में एक की जेब से डायरी मिली थी जिसमे साक़िब नाचन और उसके ग्रुप के नाम कोड वर्ड में लिखे थे। पुलिस का दावा है कि उसी डॉयरी के जरिये तीनों धमाकों का राज खुला और एक एक कर 16 आरोपी पकड़े गए। तीनों ही मुंबई में बम धमाकों के बाद गुजरात जाने की फ़िराक़ में थे वहां लालकृष्ण आडवाणी उनके निशाने पर थे।
आरोपियों के नाम :
1- साकिब नाचन
2- अतीफ नासिर मुल्ला
3- हसीब जुबेर मुल्ला (पुलिस के मुताबिक तीनों के पास से एक56 और उसके कारतूस मिले थे।)
4) गुलाम अकबर खोताल
5) मो. कामिल जमील शेख
6) फरहान अब्दुल मलिक खोत (फरहान के पास से 250 आयरन बम केसिंग और एक जिन्दा बम मिला था जिसे उसने कुंए मे बोरे में छिपा रखा था)
7) नूर मोहम्मद अंसारी उर्फ़ इमाम उर्फ़ सिकंदर
8) डॉ वाहिद जब्बार अंसारी
9) अनवर अली जावेद अली खान
11) मोहम्मद नदीम पलोबा
12) मुज़मिल अख्तर अब्दुल अंसारी
13) हारून राशिद
15) अदनान बिलाल मुल्ला (साकिब का साला)