मुंबई: जेड श्रेणी की सुरक्षा घेरे में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने रविवार को आरोप लगाया कि उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मी अपनी ड्यूटी में लापरवाह हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार को उनकी सुरक्षा और पुख्ता करने की जरूरत नहीं है और अगर उनके साथ कुछ अप्रिय होता है तो वह उसे जिम्मेदार नहीं ठहराएंगे। हजारे ने कहा कि करीब ढाई हजार लोगों की जनसंख्या वाले (महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के) रालेगण सिद्धी गांव में नौ अंगरक्षकों और 28 पुलिसकर्मियों को रखना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि जब वह सुबह योग करते हैं तो उनके सुरक्षाकर्मी या तो वहां होते नहीं हैं या देर से आते हैं। उन्होंने कहा, 'वे अपने मोबाइल फोन या चैटिंग में व्यस्त रहते हैं। अगर कोई अंदर आकर मुझे मार दे तो उन्हें एहसास तक नहीं होगा।' भारतीय सेना में सैनिक रहे हजारे ने कहा, 'मेरा भारत-पाक युद्ध के दौरान खेमकरन सेक्टर में मौत से सामना हुआ था। मुझे जो मिला वह बोनस है। मैं देश और समाज की अंतिम सांस तक सेवा करूंगा।'
अण्णा ने एक बयान में कहा कि उनकी सुरक्षा बढ़ाने से राज्य पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। हजारे को पिछले साल धमकी भरे कई पत्र मिले थे, जिनमें उन्हें मारने की धमकी मिली थी।