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जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ‘निवेश राजस्थान समिट' के दौरान अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी को ‘‘गौतम भाई'' संबोधित कर उनकी प्रशंसा करने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कांग्रेस पर तंज कसा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडाणी का नाम लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बार-बार हमला किया।

दिलचस्प बात यह है कि जिस समय जयपुर में निवेश राजस्थान समिट उद्घाटन समारोह चल रहा था लगभग उसी समय राहुल गांधी ने एक महिला जिसके पति ने कथित तौर पर कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली थी, उसके संदर्भ में ‘‘उद्योगपति मित्रों'' (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्योगपति मित्रों) को निशाना बनाने के लिए ट्वीट किया था।

एशिया के सबसे अमीर गौतम अडाणी ने शुक्रवार को निवेश राजस्थान समिट 2022 के उद्घाटन समारोह में भाग लिया और गहलोत के समक्ष सत्र को संबोधित किया था। वह मंच पर गहलोत के बगल में बैठे थे। न केवल गहलोत ने अडाणी की प्रशंसा की, अडाणी ने भी गहलोत की योजनाओं और दूरदर्शिता की प्रशंसा की थी।

जयपुर: राजस्थान में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार रात खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर जाकर मुलाकात की। राज्य में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मुलाकात के बाद खाचरियावास के सुर कुछ बदले-बदले लग रहे हैं।

खाचरियावास को कभी पायलट का दाहिना हाथ माना जाता था, जिन्होंने अशोक गहलोत के खेमे के नेताओं का मुकाबला करने का बीड़ा उठाया था, लेकिन तब से अब तक राजनीतिक स्थिति बदल गई है। अब वह गहलोत खेमे के उन सबसे मुखर नेताओं में से थे, जिन्होंने जुलाई 2020 में बगावत करने वाले 18 विधायकों में से मुख्यमंत्री चेहरा चुनने का विरोध किया था।

खाचरियावास ने मंगलवार को कहा कि पायलट के साथ बातचीत कोई नई बात नहीं थी। हालांकि, उन्होंने दोनों के बीच हुई बातचीत के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

जयपुर: राजस्थान में जारी राजनीतिक खींचतान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि राजनीति 'गुणा-भाग' का खेल है, जहां जो दिखता है वो होता नहीं है और जो होता है वो दिखता नहीं है। गहलोत सोमवार को 'इन्वेस्ट राजस्थान' को लेकर बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे, जो 7 और 8 अक्टूबर को होगा।

मुख्यमंत्री ने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ''कभी-कभी पसंद और नापसंद पर खबरें चलाई जाती हैं, जो किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करती हैं और अंततः यह मीडिया की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाती हैं क्योंकि लोगों की सामान्य समझ असाधारण है और वे सब कुछ समझते हैं।''

बता दें कि, 25 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाए जाने से राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। इस बैठक को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद चुनाव के लिए गहलोत की संभावित उम्मीदवारी के मद्देनजर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की कवायद के रूप में देखा गया था।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने वफादार विधायकों का बचाव करते हुए कहा कि वह राज्य में 2020 के विद्रोह के दौरान अपनी सरकार को बचाने वाले 102 विधायकों को नहीं छोड़ सकते। साथ ही उन्होंने 2020 में उनके खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों पर हमला करते हुए कहा कि वे लोग बीजेपी के साथ हैं।

गहलोत ने कहा, "हमारे कुछ विधायक अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और अन्य नेताओं से मिले। अमित शाह हमारे विधायकों को मिठाई खिला रहे थे, तो मैं उन 102 विधायकों को कैसे भूल सकता हूं, जिन्होंने कांग्रेस सरकार को बचाया।" उन्होंने कहा, "जब भी मुझे जरूरत पड़ी, राजनीतिक संकट के दौरान या कोरोना के दौरान मुझे जनता का समर्थन मिला। इसलिए मैं उनसे कैसे दूर रह सकता हूं।"

गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना संकेत दिया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उनकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि राज्य में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर विधायकों में नाराजगी क्यों है।

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