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जयपुर: राजस्थान में एक बार फिर से सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत की जंग तेज हो गई है। एक तरफ सचिन पायलट ने हाईकमान से बदलाव की मांग दोहराई है तो वहीं अशोक गहलोत ने तल्ख तेवर दोहराते हुए उन्हें अनुशासन में रहने की सीख दी है। उन्होंने कहा कि केसी वेणुगोपाल ने बेवजह के बयानों से दूर रहने को कहा था। ऐसे में अनुशासन की उस सीख का ध्यान रखना चाहिए। सचिन पयालट ने बुधवार को कहा कि राजस्थान में अनिर्णय के माहौल को समाप्त करने का वक्त आ गया है। पार्टी जल्द इस मसले पर कदम उठाएगी।

इस बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तल्खी भी दिखी है। ऐसे में दोनों नेताओं के बयान के सामने आने से राजस्थान में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान एकबार फिर उजागर हो गई है। सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसे कांग्रेस का अंदरूनी मामला बताया है। वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस दो गुटों में विभाजित है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक मेघवाल ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के भीतर की खेमेबाजी की वजह से सूबे की प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

जयपुर: राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में आंतरिक विवाद समाप्त होता नहीं दिखाई दे रहा है। सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफदार विधायकों पर वार करते हुए उन्हें सजा देने की मांग की है। सचिन पायलट ने कहा कि नए कांग्रेस अध्यक्ष को राजस्थान के 'बागी' विधायकों' को सज़ा देनी चाहिए।

पत्रकारों से चर्चा में सचिन पायलट ने कहा कि जहां तक राजस्थान की बात है, सब जानते हैं कि 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। वह मीटिंग हो नहीं पाई। उसके लिए खुद मुख्यमंत्री जी ने सॉरी फील किया। माफी भी मांगी थी। पार्टी से भी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जी से भी। उसके बाद जो पर्यवेक्षक यहां आए थे- अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे साहब। उन्होंने भी इसे गंभीरता से लिया था। उस पर संज्ञान लेने के बाद एआईसीसी ने इसे अनुशासनहीनता का मामला माना।

सचिन पायलट ने कहा कि तीन लोगों को नोटिस दिया गया। नोटिस का जवाब दिया गया है। मैं मानता हूं कि कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है। अनुशासित पार्टी है। इस पार्टी में सबके लिए नियम और कायदे-कानून बराबर हैं।

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं को और बेहतर बनाने पर जोर दिया और अधिकारियों से इसके लिए 'आचरण संहिता' लाने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से अस्पताल परिसरों में थूकने और कचरा फैलाने पर जुर्माना लगाने, मरीजों की लंबी कतारों को कम करने के लिए नवाचार अपनाने व अस्पतालों में सफाई तथा स्वच्छता में सुधार पर ध्यान देने का सुझाव दिया। गहलोत ने कहा कि अस्पतालों को साफ-सफाई और रखरखाव के मानकों पर आपस में प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए।

अशोक गहलोत गुरुवार को राज्य में फिलहाल संचालित हो रहे और नवनिर्मित मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल जनता को 'लूट' रहे हैं और इस पर लगाम लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल व्यावसायिक उद्देश्यों के साथ काम करते हैं जबकि उन्हें भी मानवीय दृष्टिकोण से काम करना चाहिए।

जयपुर: राजस्थान के अजमेर जिले में 25 वर्षीय दलित महिला के साथ एक पुजारी और अन्य लोगों द्वारा कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी संजय शर्मा पीड़िता का पारिवारिक पुजारी है और उसके परिवार की तरफ से कई धार्मिक अनुष्ठान कर चुका है।

पुलिस उपाधीक्षक अजमेर (उत्तर) छवि शर्मा ने पीड़िता की ओर से दायर शिकायत के हवाले से कहा, 'आरोपी ने पीड़िता को घर में अकेली पाकर उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया और घटना का वीडियो बनाया। इसके बाद उसने पीड़िता से पैसे वसूले और फिर कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया।'

शर्मा के मुताबिक, आरोपियों ने पीड़िता को कथित तौर पर नशीला पदार्थ खिलाया था, जिसके चलते वह वारदात में शामिल लोगों की संख्या नहीं बता पा रही है। शर्मा के अनुसार, पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपी पुजारी ने उसे बंधक बनाकर रखा था और पिछले एक महीने में उसके साथ कई बार दुष्कर्म हुआ।

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