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जयपुर: राजस्थान के मंत्री और अशोक गहलोत के वफादार प्रताप कचरियावास ने ये कहकर उथल-पुथल मचा दी कि सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने का मतलब राज्य को बीजेपी को सौंपना है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत के दिल्ली जाने के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना राज्य को बीजेपी को सौंपने जैसा होगा। कचरियावास ने संवाददाताओं से कहा, "प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, सीबीआई अधिकारी राजस्थान में बैठे हैं। भाजपा का खेल शुरू हो गया है। भाजपा फिर से राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश में लगी हुई है।"

वहीं सूत्रों का कहना है कि गांधी परिवार गहलोत से उनके वफादारों के विद्रोह को लेकर बेहद नाराज हैं। गहलोत गुट के तीन विधायकों को आलाकमान ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में एक्शन लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, सचेतक महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को कांग्रेस अनुशासन समिति ने मंगलवार रात को नोटिस जारी किया है।

तीनों को 10 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है।

धारीवाल को ससंदीय कार्यमंत्री होते हुए भी अपने घर पर विधायक दल की बैठक के पैरेलल विधायकों की बैठक रखने, बैठक में मंच से संबोधित करने और विधायकों को मिस गाइड करके गंभीर अनुशासनहीनता का दोषी माना है। वहीं महेश जोशी को दो मामलों के लिए अनुशासन तोड़ने का दोषी मानने पर नोटिस दिया है।

नोटिस में लिखा है कि मुख्य सचेतक होते हुए भी विधायक दल की विधायकों को सूचना देकर भी उस बैठक का बहिष्कार किया है। फिर पैरेलल बैठक में खुद भाग लेने के साथ बाकी विधायकों को भी इसके लिए राजी और कंफ्यूज करने का काम किया। मुख्यमंत्री के नजदीकी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को धारीवाल के घर बैठक की पूरी प्लानिंग करने से लेकर सारे इंतजाम करने का दोषी मानते हुए नोटिस दिया है।

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