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जयपुर: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी का समय भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण समय है। भारत की जनता भाजपा के प्रति विशेष स्नेह, विश्वास और उम्मीद से देख रही है। देश की जनता की आकांक्षा और उम्मीद हमारा दायित्व और बढ़ा देती है। आजादी के 75वें साल के अवसर पर अगले 25 वर्षों के लक्ष्य तय करके उनके लिए निरंतर काम करने का समय है। देश के लोगों की उम्मीदें हैं वो हमें पूरी करनी है। देश के सामने जो चुनौतियां हैं वे देश के लोगों के साथ मिलकर हर चुनौती को परास्त करना है और विजय के संकल्प के साथ आगे बढना है। हमारा मंत्र है सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं जब भी कार्यकर्ताओं से मिलता हूं उनसे बहुत कुछ जानने को मिलता है। कार्यकर्ता के द्वारा जो जानकारी प्राप्त होती है वो बेहद सटीक जानकारी होती है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जब ठीक नहीं हो पाता तो बीमारी से बनी परिस्थितियों को स्वीकार कर लेता है। वो सोचता है किसी भी तरह दिन कट जाए। ऐसे ही जिंदगी गुजर जाएगी।

उन्होंने कहा, कभी कभी राष्ट्र के जीवन में भी ऐसा होता। जब लोगों की सोच मजबूरन ऐसी हो गई थी कि अब कोई सहारा नहीं। बस इसी तरह समय निकल जाए और जिंदगी गुजर जाए। ना सरकारों से कोई अपेक्षा बची थी और न ही सरकार कोई जिम्मेदारी समझती थी। वहीं आज निराशा नहीं, आशा और अपेक्षा का युग है। हिन्दुस्तान का हर नागरिक नतीजे चाहता है। सरकारों को काम करते हुए देखना चाहता है। अपनी आंखों के सामने परिणाम देखना चाहता है। मैं इसे जनमानस में आया सबसे बड़ा पॉजिटिव चेंज मानता हूं। इससे निश्चित रूप से सरकारों की जवाबदेही भी बढ़ती है। जनजागृति अनिवार्य रूप से काम करने के लिए प्रेरित भी करती है और दबाव भी बनाती है। देश के लोगों की बढ़ती हुई आकांक्षा में मैं देश के उज्जवल भविष्य को देख रहा हूं।

उन्होंने आगे कहा कि हमें अगर सत्ताभोग ही करना होता तो भारत जैसे विशाल देश में कोई भी सो सकता है कि इतना सारा मिल गया अब तो बैठो...लेकिन हमें ये रास्ता मंजूर नहीं है। हमारा मूल लक्ष्य भारत को उस ऊंचाई पर पहुंचाना है जिसका सपना देश की आजादी के लिए मर मिटने वालों ने देखा था।

पीएम मोदी ने का कि आज भी हम अधीर हैं, क्योंकि हमारा लक्ष्य भारत को उस ऊंचाई तक पहुंचाना है, जिसका सपना आजादी के लिए मर मिटने वालों ने देखा है। हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का ऋण नहीं चुका सकते, लेकिन दिन रात मेहनत कर देश के लिए खपा सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि भारत का हरेक कार्यकर्ता आज इन भावनाओं से प्रेरित बिना थके काम कर रहा है। जिसके पास कर्तव्यपथ पर चलते ऐसे कोटि-कोटि कार्यकर्ता हों तो किसको गर्व न होगा। मुझे आप सभी पर गर्व है।

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