जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राज्य में संभावित बदलाव की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। नई दिल्ली में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के बीच हालिया बैठक के बाद राज्य सरकार में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान गहलोत ने कहा कि मीडिया और अखबारों में अफवाहें चलती रहती हैं। आपको उन पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की अफवाहें लोगों को गुमराह करती हैं और शासन भी प्रभावित होता है।
गहलोत ने कहा कि उनका त्याग पत्र स्थायी रूप से कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी के पास है और अगर पार्टी को राज्य में मुख्यमंत्री बदलना पड़ा, तो यह बिना किसी संकेत के किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति पूरे देश के लिए चिंता का विषय होनी चाहिए। कांग्रेस को कभी वोट नहीं देने वाले आम नागरिक भी चाहते हैं कि पार्टी देश में एक मजबूत विपक्ष बने।
गौरतलब है कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने वीरवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोनिया से मिले थे। करीब 18 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सोनिया ने पायलट से फीडबैक लिया। 13 से 15 मई तक उदयपुर में होने वाले पार्टी के चिंतन शिविर से पहले राजस्थान सत्ता और संगठन में होने वाले बदलावों को लेकर सोनिया और पायलट के बीच चर्चा हुई है।
सूत्रों के अनुसार, मुलाकात के दौरान पायलट ने सोनिया से साफ कहा कि राजस्थान को लेकर जो भी निर्णय करने हैं, वह जल्द कर लिए जाएं, जिससे चुनाव में पूरी तैयारी के साथ जा सके। पायलट ने कहा कि तीन दशक का इतिहास है कि राज्य में कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार नहीं बनाती है। इस बार राजस्थान में फिर कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए शीघ्र निर्णय करना जरूरी है।
सूत्रों के अनुसार, पायलट ने सत्ता और संगठन में बदलाव को आवश्यक बताया है। पायलट ने प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल किए जाने का समर्थन किया। सोनिया ने मिलने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पायलट ने कहा कि सभी विषयों पर चर्चा हुई है। राजस्थान की राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में उन्होंने सोनिया को बताया है। उन्होंने कहा कि सोनिया बहुत उत्सुक हैं कि हम राज्य में फिर सरकार बनाएं।