जयपुर: राजस्थान के पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह ने कहा कि कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के साथ पुलिस मुठभेड़ फर्जी नहीं है। सिंह ने आज (मंगलवार) पुलिस महानिदेशक का पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में आनंदपाल मुठभेड़ संबंधी सभी प्रकार के संदेह खत्म हो जायेंगे। मैंने स्वयं व्यक्तिगत तौर पर मुठभेड़ स्थल की जांच की है। सिंह ने पुलिस विभाग में अपनी प्राथमिकताओं के बारे में कहा कि प्रदेश में साइबर अपराध, शारीरिक, व्हाइट कॉलर अपराध चाहे वो हमला, दुर्घटना या अन्य कारणों के अपराध हो उसे कम करने के प्रयास किये जायेंगे। पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट के कल सेवानिवृत होने के बाद राज्य सरकार ने महानिदेशक (जेल) अजीत सिंह को कल शाम ही प्रदेश का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया है। उन्होंने पुलिस और आम जनता के बीच संबंधों में मजबूती की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जब लोगों को पुलिस पर विश्वास हो जाएगा तो वे लोग पुलिस के साथ सूचनाओं का आदान प्रदान करेंगे। लोगों के साथ व्यक्तिगत संबंध पुलिस की सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पुलिस के साथ समाज के लोगों को अच्छे संबंध बनाने के लिये समुदाय संपर्क समूह (सीएलजी) की स्थापना की गई थी। प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध पर सिंह ने कहा कि पुलिस के पास इस तरह के अपराधों से मुकाबला करने के लिये सारा साजो सामान है। इस तरह के अपराधों का और अच्छी तरह से मुकाबला करने के लिये प्रयास किये जायेंगे। विभाग लंबित मामलों की संख्या को दस प्रतिशत के आंकडे़ं से कम करने के प्रयास करेगा। गौरतलब है कि अपराधी आनंदपाल सिंह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। राजपूत समाज एवं मृतक के परिजनों ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए सीबीआई से जांच करवाने की मांग को लेकर 18 दिनों तक शव का अन्तिम संस्कार नहीं किया था। सरकार ने सर्वसमाज के प्रतिनिधियों को कथित मुठभेड़ प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाने का आश्वासन देने के बाद ही परिजन ने आनंदपाल सिंह के शव का अन्तिम संस्कार किया था।