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जयपुर: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज (शनिवार) धार्मिक गुरूओं का सम्मान कर उनसे आशीर्वाद लिया । शाह ने प्रत्येक धार्मिक गुरू का स्वयं सम्मान किया और उनसे आशीर्वाद लिया । एक धार्मिक गुरू ने संवाद के बाद यह जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी का स्वयं सम्मान किया और हमने उनको आशीर्वाद दिया है । उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष को सुझाव दिये हैं, जिन्हे उन्होंने ध्याानपूर्वक सुना है। सुझावों के बारे में पूछे जाने पर धार्मिक गुरू बोले यह हमारे और शाह के बीच की बात है । धार्मिक गुरूओं के संवाद में शामिल एक संत एवं सांसद ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जयपुर में हों और साधु संतों से नहीं मिलें, यह असंभव है । जयपुर के काले हनुमानजी मन्दिर के महंत गोपालदास महाराज ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शाह ने इस मुद्दे पर संबोधन दिया कि ‘विगत कुछ साल में भारतीय संस्कृति को धक्का लगा है उसे किस तरह बचाया जा सकता है।’ जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने क्या सुझाव दिये तो महाराज ने कहा ऐसा कोई संवाद नहीं हुआ । शाह ने अपने सम्बोधन में राममंदिर गौरक्षक पर भी बोले । तीन दिवसीय प्रदेश प्रवास के दूसरे दिन धार्मिक गुरूओं से आर्शीवाद लेने के लिये बैठक शुरू हो गई है।

धार्मिक गुरूओं में गोवर्धन पीठाधीश्वर, भरतपुर कांमा के हरिकृपा पीठाधीश्वर,भीलवाड़ा के परशुराम आश्रम के बालक नाथ महाराज प्रमुख हैं । इस दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी भी मौजूद रहे । एक होटल में हुए इस संवाद से मीडिया को दूर रखा गया । एक महंत ने अपना नाम न छापने की तर्ज पर कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने सम्बोधन को हिन्दुत्व पर केन्द्रित रखते हुए कहा कि एक समय बाहर से आने वाले अतिथियों को ताजमहल दिया जाता था लेकिन अब गीता दी जा रही है ।

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