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फरीदाबाद: भले ही निजी अस्पतालों के भारी भरकम बिलों के खिलाफ कार्रवाई के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों, किंतु इनकी मनमानी बदस्तूर जारी है। गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के बाद फरीदाबाद के एशियन अस्पताल का नया मामला सामने आया है। बुखार से पीड़ति एक गर्भवती महिला के 22 दिन उपचार का 18 लाख का बिल थमा दिया गया, जबकि महिला और उसके गर्भ में पल रहे आठ माह के बच्चे को भी बचाया नहीं जा सका।

 फरीदाबाद के गांव नचौली के निवासी सीताराम ने अपनी 20 वर्षीय बेटी श्वेता को 13 दिसम्बर को बुखार होने पर अस्पताल में भतीर् कराया था। वह 32 सप्ताह की गर्भवती भी थी। अस्पताल में तीन-चार दिन इलाज के बाद डॉक्टरों ने परिजनों से कहा कि बच्चा पेट में मर गया है और ऑपरेशन करना होगा ।

परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने कहा कि साढ़े तीन लाख रुपए जमा कराने का पर ही ऑपरेशन किया जायेगा । परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन में देरी की वजह से श्वेता के पेट में संक्रमण हो गया। हालत बिगड़ने पर श्वेत को सघन चिकित्सा केन्द्र (आईसीयू)में भतीर् कराया गया।

चंडीगढ़: 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा के मामले में आरोपी हनीप्रीत इंसां को आज अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान आरोपियों की बेल एप्लिकेशन पर सुनवाई नहीं हुई। अब सुनवाई 19 जनवरी को होगी जबकि, आरोप 21 फरवरी को तय किए जाएंगे।

पुलिस के मुताबिक हनीप्रीत पर राजद्रोह, हिंसा फैलाने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप हैं। पंचकूला हिंसा केस में हनीप्रीत समेत 15 आरोपियों पर गुरुवार को आरोप तय नहीं हो सके क्योंकि पंचकूला पुलिस की एसआईटी की तरफ से कोर्ट में जो चार्जशीट दायर की गई थी वो पूरी नहीं थी। 

दरअसल, चार्जशीट करीब 1200 पन्नों की है लेकिन जो बचाव पक्ष के वकीलों को सिर्फ 150 पन्नों की मिली है जिसका बचाव पक्ष ने विरोध किया। इसी वजह से इस सभी आरोपियों पर आरोप तय नहीं हो सके।

चंडीगढ़: हरियाणा के सोनीपत में ओरिजनल आधार कार्ड न देने पर इलाज नहीं किया गया जिस कराण कारगिल शहीद की विधवा की जान चली गई। इस घटना के बाद अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का बड़ा बयान आया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मुझे मामले की जानकारी मिल चुकी है। जांच की जाएगी और जो भी दोषी साबित होगा, उसे सजा दी जाएगी।

आपको बता दें कि कारगिल शहीद की विधवा करीब दो घंटे मौत से लड़ती रही, लेकिन वह अस्पताल में ओरिजनल आधार कार्ड न जमा करने पर एडमिट नहीं किया गया। अस्पताल प्रबंधन की मरी मानवता के सामने शहीद की विधवा हार गई। अस्पताल प्रबंधन की जिद्द के चलते मां-बेटे को डिस्पेंसरी से घर के चक्कर लगाने पड़े। इस बीच शहीद की विधवा ने दम तोड़ दिया। लेकिन प्रबंधन आधार कार्ड जमा करवाने पर ही अड़ा रहा। मां की मौत के बाद बेटे पवन ने निजी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ इंसाफ की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया।

करनाल: असंध में ईसाई समुदाय की मृत महिला के दफनाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। परिजन पहले शव को लेकर कस्बे के कॉलेज के पास बनी जमीन में दफनाने के लिए गए। वहां की महिलाओं ने जमीन को अपनी बताते हुए इसका विरोध किया और पथराव कर दिया। इसके बाद ईसाई समुदाय के लोगों ने सड़क जाम कर दिया। इसके बाद उसे अन्य जगह दफनाया गया तो इस पर भी लोगों ने हंगामा कर दिया। अंत में पुलिस ने शव को कब्र से निकाल कर मोर्चरी में रखवा दिया।

एक ईसाई महिला की यहां मौत हो जाने के बाद परिजन शव को लेकर कस्बे के कॉलेज के पास बनी जमीन में दफनाने के लिए गए। इसका लोगों ने विरोध किया और लोगों ने सड़क जाम कर दिया। जाम की सूचना पर नायब तहसीलदार हिम्मत सिंह, सब इंस्पेक्टर धर्मपाल, सचिव महावीर धानियाए नगर पालिका चेयरमैन दीपक छाबड़ा सहित कई पार्षद भी पहुंचे। इसके बाद शव को कॉलेज के पास ही दफना दिया गया।

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