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चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कंटेनमेंट जोन से बाहर बंद पड़ी औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से दोबारा संचालित करने की अनुमति देने की मांग केंद्र सरकार से की है। उन्होंने कहा कि केवल कंटेनमेंट जोन में ये गतिविधियां न हों। ग्रीन, ऑरेंज व रेड जोन में ये गतिविधियां चलाने के लिए राज्य सरकार को अपने स्तर पर अधिकृत किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में रखी।

मनोहर ने कहा कि श्रम कानूनों में सुधारों को राज्य आपदा की इस घड़ी में आपसी प्रतिस्पर्धा का विषय न बनाएं। उन्होंने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि वित्त वर्ष 2020-21 के दूसरी तिमाही में हरियाणा की सकल घरेलू उत्पाद दर को पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के दूसरी तिमाही के स्तर के पास पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर चल रही अनिश्चितता को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। यह मांग उन्होंने ही पिछली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उठाई थी।

उन्होंने कहा कि आगे चलकर युवाओं के भविष्य के मद्देनजर स्कूल, कॉलेज, प्रोफेशनल कोर्स वाले शैक्षणिक संस्थानों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखकर 50 प्रतिशत सीमा के साथ खोलने के बारे में सोचना चाहिए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश सरकार के सभी प्रयासों के डाक्यूमेंटेशन का कार्य हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान के निर्देशन में किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण जनगणना 2021 का कार्य रुक गया था, वहीं हमने इन दिनों में लगभग 20,000 स्थानीय कमेटियां गठित करके उनके माध्यम से प्रदेश के 25 लाख परिवारों के साधनों और आवश्यकताओं के सर्वे का कार्य करवाकर उसे डिजिटल रूप से स्टोर किया है। 3.73 लाख ऐसे परिवार थे, जिनके पास किसी प्रकार का राशन कार्ड नहीं था। राज्य सरकार ने उनको डिस्ट्रेस राशन टोकन जारी किए हैं और उनको मुफ्त राशन दिया जा रहा है। 13.40 लाख परिवारों को 553 करोड़ रुपये की राशि का सीधे हस्तांतरण का लाभ दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के भय के कारण लोगों में मानसिक तनाव बढ़ा है। इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग ने कई प्रोडक्टस तैयार किए हैं और उन्हें हर जन तक मुफ्त पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि सरकार की अपील पर उद्यमियों ने श्रमिकों को लॉकडाउन अवधि के दौरान बिना कार्य के वेतन दिया है। इसलिए आगे इतने समय अतिरिक्त काम का सिंगल वेतन दिया जाना चाहिए।

अपात्र को काटने से 45 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न सरप्लस

सीएम ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार करते हुए हरियाणा ने अपात्र लाभानुभोगियों को कम किया है, जिसके फलस्वरूप भारतीय खाद्य निगम के पास हरियाणा को आवंटित किए जाने वाले खाद्यान्न 45,000 मीट्रिक टन सरप्लस हो गए हैं। इसलिए हरियाणा का अनुरोध है कि भारतीय खाद्य निगम को निर्देश दिए जाएं कि मई से अगस्त तक इसका उपयोग डिस्ट्रेस राशन टोकन वाले परिवारों को मुफ्त राशन देने के लिए करें।

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