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चंडीगढ़: कोरोना महामारी का असर अब हरियाणा की अर्थव्यवस्था पर भी दिखाई देने लगा है तथा राज्य की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के मद्देनजर कदम उठाते हुए सामान्य, लग्जरी और सुपर लग्जरी बस किराया, पेट्रोल-डीजल पर वैट और मंडियों में मार्केट फीस बढ़ाने का निर्णय लिया है।

सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि बस किराया 85 पैसा प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर एक रुपया प्रति यात्री प्रति किलोमीटर करने का निर्णय लिया गया है ताकि बसों की संचालन लागत, जो जून, 2016 में 37.48 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़कर दिसम्बर, 2019 में 52.23 रुपये प्रति किलोमीटर हो गई है उसे आंशिक रूप से पूरा किया जा सके। यह वृद्धि वर्ष 2010-11 में की गई 25 प्रतिशत वृद्धि और वर्ष 2012-13 में की गई 20 प्रतिशत वृद्धि से काफी कम है।

संशोधित किराये के अनुसार, साधारण बसों का किराया 85 पैसे प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 100 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 100 पैसे प्रति किलोमीटर और 100 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए 105 पैसे प्रति किलोमीटर किया गया है। इस वृद्धि के बावजूद राज्य में बस किराया पड़ोसी राज्यों पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की तुलना में कम रहेगा।

राज्य में इससे पहले 30 जून, 2016 को बस किराया संशोधित किया गया था और साधारण बस का किराया 75 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 85 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किया गया था।

क्यों बढ़ा गया किराया

राज्य में बस किराये में किए गए संशोधन के बाद से, विशेष रूप से कर्मचारियों, डीजल, स्पेयर पार्ट्र्स, टायर-ट्यूब, लुब्रीकेंट, बस चेसिस, बस निर्माण लागत और बीमा इत्यादि पर खर्चे में वृद्धि के कारण परिचालन खर्च बढ़ गया था। प्रति किलोमीटर खर्च जून, 2016 में 37.48 रुपये से बढ़कर दिसम्बर, 2019 में 52.23 रुपये हो गया। बढ़े हुए खर्च के परिणामस्वरूप, हरियाणा रोडवेज भारी नुकसान के साथ कार्य कर रहा है और रोडवेज को चालू वित्त वर्ष में जनवरी, 2020 तक 726.21 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। अन्य प्रकार की बस सेवाओं, जिनमें हीटिंग, वेंटिलेटिंग और एयर कंडीशनिंग बसों का किराया 150 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर तक बढ़ाया गया है।

40 किलोग्राम से कम वजन के सामान के किराये में छूट

इंट्रा-स्टेट लग्जरी वातानुकूलित बसों वोल्वो/मर्सिडीज के लिए 175 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर और सुपर लग्जरी एयर कंडीशंड बसों, वोल्वो/मर्सिडीज (चंडीगढ़-दिल्ली-गुरुग्राम रूट पर परिचालन) का किराया बढ़ाकर 250 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किया गया है। न्यूनतम साधारण बस किराया (यात्री कर सहित) पांच रुपये होगा। व्यक्तिगत सामान के लिए किराया प्रति 40 किलोग्राम प्रति किलोमीटर के लिए साधारण बस के किराये का आधा होगा। इसी प्रकार 40 किलोग्राम वजन से नीचे के व्यक्तिगत सामान के लिए कोई किराया नहीं लिया जाएगा।

पेट्रोल-डीजल भी महंगा

सरकार ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों में अक्टूबर, 2018 की तुलना में लगभग 15 रुपये प्रति लीटर की कमी के मद्देनजर डीजल और पेट्रोल की बिक्री पर वैट दर को आंशिक रूप से बहाल करने की मंजूरी दी है। इससे कर की दर में पेट्रोल के मामले में एक रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल के मामले में 1.1 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि होगी। प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, पेट्रोल पर कर की दर सरचार्ज सहित 26.25 और डीजल पर 17.22 प्रतिशत के साथ क्रमश: पेट्रोल पर 14.96 रुपये और डीजल पर 15.96 रुपये प्रति लीटर होगी। इस वृद्धि से, राज्य प्रतिमाह लगभग 61 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर जुटाने में सक्षम होगा, जिसमें डीजल से प्रतिमाह 49 करोड़ रुपये तथा पेट्रोल से प्रतिमाह 12 करोड़ रुपये मिलेंगे।

राज्य सरकार ने मंडियों में फलों एवं सब्जियों की बिक्री पर एक प्रतिशत मार्केट फीस और एक प्रतिशत एचआरडीएफ लगाने का निर्णय लिया है। पड़ोसी राज्यों में पहले से ही फलों एवं सब्जियों की बिक्री पर दो प्रतिशत मार्केट फीस और दो प्रतिशत उपकर लगाया जा रहा है। इसी प्रकार चंडीगढ़ में फलों एवं सब्जियों पर दो प्रतिशत मार्केट फीस और हिमाचल प्रदेश तथा दिल्ली में फलों एवं सब्जियों पर एक प्रतिशत मार्केट फीस लगाई जा रही है।

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