चंडीगढ़: कोरोना वायरस रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोषित 21 दिन के नेशनल लॉकडाउन के तीसरे दिन से देश के बाकी राज्यों की तरह हरियाणा में शराब की दुकानें बंद होने जा रही हैं। अब हरियाणा में भी 14 अप्रैल तक शराब की दुकानें बंद रहेंगी. राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत समेत पूरे हरियाणा में शराब के ठेके दो दिन से खुले थे जिसको लेकर राज्य में विपक्षी दलों ने सरकार की तीखी आलोचना की थी।
कांग्रेस नेता दीपेंदर सिंह हुड्डा ने बुधवार को कहा था कि प्रधानमंत्री की लॉकडाउन अपील का पूर्ण पालन करने के बदले हरियाणा में भाजपा-जेजेपी सरकार शराब के ठेकों को खोलकर जनता के स्वास्थ्य से खेल रही है। हुड्डा ने सवाल उठाया था कि राज्य में शराब की दुकानें किसकी शह पर खुली हुई हैं। प्रधानमंत्री मोदी की 14 अप्रैल तक चलने वाली तीन हफ्ते की ऑल इंडिया लॉकडाउन अपील के बाद ही देश के सारे राज्यों में शराब की दुकानें बंद हो गई थीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश को अपने संबोधन में साफ कहा था कि लॉकडाउन के दौरान राशन, सब्जी, फल, दूध, मेडिकल समेत सभी इमरजेंसी सेवाओं को छूट रहेगी। शराब कहीं से भी अनिवार्य या जरूरी सेवा नहीं है लेकिन फिर भी दो दिन से हरियाणा में शराब की दुकानें खुली हुई थीं।
आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "सोच ये थी कि हफ्ते तक लोग घर में बंद रहेंगे तो शराब बंद ना की जाए। ये एक व्यावहारिक फैसला था।" आबकारी अधिकारी ने बताया कि दुकानें खुली रखने के पीछे लोगों में चिंता थी कि नियमित तौर पर शराब पीने वाले लोग तीन हफ्ते तक ठेके बंद करने के बाद जहरीले और कई बार जानलेवा नकली शराब के शिकार बन सकते हैं।
इस बीच हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने भी शराब दुकानें खुली रखने के लिए राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार दवा के बदले दारू को बढ़ावा दे रही है। हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान अहाता, बार, पब, रेस्तरां बंद थे, बस शराब की दुकानें खुली थीं।