गुरुग्राम: अदालत ने वर्ष 2018 के बहुचर्चित जज की पत्नी व बेटे की हत्या मामले में आरोपी गनमैन महिपाल को दोषी ठहराया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सभी साक्ष्य व चश्मदीद गवाहों के बयानों से आरोपी का अपराध बिना शक साबित हुआ है। दोषी को क्या सजा दी जाए इस मुद्दे पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर परमार ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला सरासर विश्वास और रिश्तों को तार-तार करने वाला है। दोषी की जिम्मेदारी मृतकों की सुरक्षा करना था लेकिन उसने कर्तव्य को दरकिनार कर उनकी हत्या कर दी।
अदालत ने कहा कि इस मामले में हत्या के बाद दोषी गनमैन महिपाल ने जघन्य हत्याकांड की जानकारी फोन कर जज कृष्णकांत व अपने सह गनमैन विनय को दी, यह साक्ष्य भी अपराध साबित करने में अहम हैं। अदालत ने दिनदहाड़े हुए हत्याकांड में घटनास्थल से मिली सीसीटीवी फुटेज को भी अहम साक्ष्य माना। फुटेज से स्पष्ट है कि दोषी ने जज कृष्णकांत की पत्नी ऋतु व बेटे ध्रुव को गोली मारकर घसीटते हुए कार में डालने का प्रयास किया। अपने इस प्रयास में असफल रहने पर वह कार लेकर फरार हो गया था।
अदालत ने अपने फैसले में चश्मदीद के गवाहों की गवाही को भी अहम माना। कुल 64 गवाहों ने अपनी गवाही में जज की पत्नी व बेटे को गोली मारने व कार में डालने की कोशिश करने की जानकारी दी, जो पुख्ता सबूत हैं। अदालत ने बचाव पक्ष के उस तर्क को खारिज कर दिया कि जिसमें गनमैन महिपाल को निर्दोष बताया गया था। अदालत ने कहा कि किसी भी गवाह पर कोई दबाव नहीं था, उनकी गवाही निष्पक्ष रही है।
जिला उप न्यायवादी अनुराग हुड्डा व अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशाल गुप्ता ने बताया कि जघन्य अपराध के कारण दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। शुक्रवार को दोनों पक्षों की बहस के बाद अदालत सजा का ऐलान करेगी।
घटना 13 अक्तूबर 2018 की है। जज कृष्णकांत की पत्नी ऋतु व बेटा ध्रुव सेक्टर-49 स्थित ऑर्केडिया मार्केट में खरीददारी करने गए थे। इसी दौरान उनके गनमैन महिपाल ने दोनों को अपनी पिस्टल से गोली मार दी थी। दोनों को गंभीर हालत में पार्क अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां ऋतु ने दम तोड़ दिया था जबकि बेटे ध्रुव की अस्पताल में 10 दिनों के बाद मौत हो गई थी। महिपाल घटनास्थल से गाड़ी लेकर फरार हो गया था। पुलिस ने उसे गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से गिरफ्तार किया था। आरोप था कि महिपाल जज के परिजनों के व्यवहार से गुस्से में था।