चंडीगढ़: हरियाणा सरकार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही सर्वेसर्वा हैं। सीआईडी वही देखेंगे। गृहमंत्री अनिल विज से सीआईडी वापस ले लिया गया है। सीआईडी को लेकर विज के गृहमंत्री बनने के बाद से ही विवाद चल रहा था। सरकार ने बुधवार देर रात आदेश जारी कर सीआईडी को लेकर चल रही ऊहापोह की स्थिति समाप्त कर दी है। दिन में हुए तबादलों में अनिल विज के शहरी स्थानीय निकाय विभाग से सीएम ने अपने अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर को भी हटा लिया। वहीं, एनएचएम में नए मिशन निदेशक की भी नियुक्ति कर दी। अब देखना यह है कि विज सीआईडी छिनने के बाद क्या रुख अपनाते हैं। चूंकि, वह इस बात पर अडिग थे कि सीआईडी गृह विभाग का हिस्सा है और इसे कैबिनेट की मंजूरी व विधानसभा में संशोधन विधेयक लाकर ही वापस लिया जा सकता है।
बुधवार रात 11:41 पर जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री के परामर्श अनुसार हरियाणा के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और दो मंत्रियों को कुछ नए विभाग आवंटित किए हैं।
मुख्य सचिव की अधिसूचना के अनुसार, मुख्यमंत्री मनोहर लाल को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा तुरंत प्रभाव से सीआईडी, राजभवन मामले और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग आवंटित किए गए हैं। कंवरपाल को मिला कला और सांस्कृतिक मामलों का विभाग परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा को चुनाव पोर्टफोलियो आवंटित किया गया है, जबकि कला एवं सांस्कृतिक मामलों का विभाग अब शिक्षा मंत्री कंवर पाल को उनके मौजूदा विभागों के अलावा आवंटित किया गया है। यह पहले परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा के पास था।
इस प्रकार अब गृह मंत्री अनिल विज के पास सीआईडी और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के पास कला एवं सांस्कृतिक मामलों का पोर्टफोलियो नहीं रहेगा। माना जा रहा है कि सीएम मनोहर लाल की भाजपा आलाकमान से ताजा मुलाकात के बाद यह बड़ा निर्णय लिया गया है। सीआईडी को लेकर कई दिनों से राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ था।