पंचकूला: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को आरोप तय कर दिए। साध्वी यौन शोषण मामले में पहले से ही जेल में बंद राम रहीम के अलावा इस मामले में डॉ. मोहिंद्र इंसा व डॉ. पीआर गर्ग को भी आरोपी बनाया गया है। तीनों के खिलाफ आइपीसी की धारा 326, 417, 506 और 120बी के तहत आरोप तय किए गए। अदालत में राम रहीम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ,जबकि इंसा व गर्ग सशरीर पेश हुए।
आरोप तय करने के पूर्व बचाव पक्ष के वकील ध्रुव गुप्ता ने दलील दी कि गुरमीत राम रहीम द्वारा किसी को भी नपुंसक नहीं बनाया गया है और वैसे भी इस मामले में धारा 326 नहीं बनता, क्योंकि जिन लोगों को नपुंसक बनाने की बात आ रही है, उनके सर्जिकल ऑपरेशन हुए हैं। सेक्शन 326 किसी खतरनाक हथियार का प्रयोग करने पर लगता है। ध्रुव गुप्ता ने धारा 417 (चीटिंग) पर पक्ष रखते हुए कहा कि गुरमीत राम रहीम ने किसी के साथ धोखा नहीं किया है। इन साधुओं को मोक्ष प्राप्त करना था, इसलिए इन्होंने ऑपरेशन करवाए।
इसमें राम रहीम का कोई लाभ नहीं था। बचाव पक्ष ने कहा कि इन पर 120 बी अपराधिक षड्यंत्र कतई नहीं बनता,क्योंकि साधुओं के ऑपरेशन से डॉक्टरों को कोई लाभ नहीं बनता। अपराधिक षड्यंत्र तभी बनता है,जब तीनों का उद्देश्य एक हो, इसलिए ये धाराएं हटाई जानी चाहिए।
मोक्ष का झांसा देकर नपुंसक बनाया
गुरमीत राम रहीम पर आरोप है कि उसने वर्ष 2000 में मोक्ष पाने का झांसा देकर 400 साधुओं को नपुंसक बनवा दिया था। आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि ये साधु वंशवृद्धि से महरूम हो जाएं और डेरा के प्रति निष्ठावान बनें। उधर, मोक्ष नहीं मिलने पर इन साधुओं ने इसकी शिकायत 2012 में की।
अगली सुनवाई 17 को
बहरहाल,आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।