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नई दिल्ली: हरियाणा में एक दलित संगठन ने आरोप लगाया है कि हिसार जिले के भाटला गांव में ऊंची जातियों के लोग दलित समुदाय के लोगों का सामाजिक बहिष्कार कर रहे हैं। इससे नाराज होकर उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाने की धमकी दी है। हांसी स्थित मिनी सचिवालय में एक हालिया प्रदर्शन के दौरान उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। भाटला दलित संघर्ष समिति के अध्यक्ष बलवान सिंह ने दावा किया कि दलित समुदाय पिछले साल जुलाई से सामाजिक बहिष्कार झेल रहा है और गांव की भाईचारा समिति ने मामले को सुलझाने में कोई मदद नहीं की है।

दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राजकुमार ने कहा कि गांव में सामाजिक बहिष्कार के कारण लोग अपने पशुओं को बेचने के लिए बाध्य हो रहे हैं और उन्हें अपना रोजगार भी छोड़ना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन माह से दलित इलाकों में पानी और बिजली की आपूर्ति बाधित की जा रही है। इस संबंध में याचिका दायर करने वाले अजय भाटला ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर एक आयुक्त रिपोर्ट तैयार करने के लिए गांव पहुंचे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें 'गलत' जानकारी दे दी। हालांकि, संबंधित अधिकारियों और पुलिस ने इन आरोपों को खारिज किया है।

दलित कार्यकर्ता जय भगवान भाटला ने कहा कि दलित दहशत में रह रहे हैं। वे ऐसी परिस्थितियों में गांव में नहीं रह सकते हैं और वे दूसरे स्थान पर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि लगातार सामूहिक बहिष्कार और प्रशासन के दलित विरोधी रुख के कारण वे बौद्ध धर्म स्वीकार कर लेंगे। हालांकि, हांसी के पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि भाटला में ऊंची जाति के लोगों द्वारा दलितों का किसी प्रकार का बहिष्कार नहीं किया जा रहा है।

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