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चंडीगढ़: मस्जिद या ईदगाह में ही नमाज पढ़ने के अपने बयान पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने यू-टर्न मारा है। उन्होंने अब कहा है कि यदि कोई नमाज पढ़ने में बाधा पहुंचाता है तो प्रशासन उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। हालांकि उनके पहले बयान का मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने भी समर्थन करते हुए कहा है कि नमाज मस्जिद या ईदगाह में भी अता की जानी चाहिए।

पिछले सप्ताह गुरुग्राम में हिंदूवादी संगठनों ने कई इलाकों में खुले में नमाज पढ़ने पर लोगों को रोक दिया था। जिसके बाद खट्टर ने कहा था कि मस्जिद या ईदगाह में ही नमाज पढ़ी जानी चाहिए। उनके इस बयान के बाद सूबे के विपक्षी दल कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि यदि ऐसा है तो फिर सार्वजनिक स्थानों पर जागरण आदि पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। ऐसे में माना जा रहा है कि विपक्ष के हमले से बचने के लिए खट्टर ने यह बयान दिया है।

 

अनिल विज ने दिया नया मोड

हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने इस मसले को और तूल देते हुए कहा है कि जमीन कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है। खट्टर के बयान पर विज ने कहा, ‘कभी-कभार यदि किसी को पढ़नी पड़ जाती है तो धर्म की आजादी है। लेकिन, किसी जगह को कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है। उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।’

खट्टर को मिला तसलीमा नसरीन का साथ

नसरीन ने हरियाणा के सीएम खट्टर के बयान का समर्थन करते हुए ट्वीट किया है। नसरीन ने अपने ट्वीट में कहा कि नमाज मस्जिद और ईदगाह में ही अता करनी चाहिए। यह सभी इबातगाहों के लिए लागू होना चाहिए. सार्वजनिक स्थलों को बंद करना सही नहीं है।

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