नई दिल्ली: गुड़गांव में कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा कई जगहों पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नमाज पढ़ने से रोके जाने के विवाद के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को इस मसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नमाज मस्जिद या ईदगाह में अदा की जानी चाहिए, न की सार्वजनिक स्थल पर।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। खुले में नमाज अदा किए जाने के मामलों में वृद्धि हुई है। नमाज को सार्वजनिक स्थानों की बजाय मस्जिद या इदगाह में पढ़ा जाना चाहिए।
दरअसल, कुछ तथाकथित हिन्दुवादी संगठन पिछले दो सप्ताह से गुड़गांव में नमाज में बाधा डाल रहे हैं। उन लोगों का आरोप है कि कुछ लोग जमीन पर कब्जा करके उसे मस्जिद में मिलाना चाहते हैं। पुलिस के अनुसार, बीते शुक्रवार को भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग वजीराबाद, अतुल कटारिया चौक, साइबर पार्क, बख्तावर चौक, आदि जगहों पर आज जुमे की नमाज पढ़ने के लिए जमा हुए थे।
जिसके बाद विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू क्रांति दल, गऊ रक्षक दल और शिवसेना के सदस्य भी पहुंच गए। इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नमाज में बाधा डालने के लक्ष्य से कथित रूप से जय श्री राम और राधे-राधे के नरे लगाए।