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रोहतक (जनादेश ब्यूरो): डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रेप को दो मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने 10-10 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसमें से दोनों पीड़िताओं को 14-14 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और दो लाख रुपये में कोर्ट में जमा होंगे। सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि डेरा प्रमुख के खिलाफ दायर रेप के दोनों मामलों में सुनाई गई जेल की दोनों सजाएं एक के बाद एक लगातार कुल 20 साल तक चलेंगी। उधर, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। फैसले के बाद राम रहीम अब जेल में अन्य कैदियों की तरह रहेंगे। पूरी सुनवाई के दौरान आंखों में आंसू भरे राम रहीम सजा के बाद जमीन पर बैठकर रोने लगे। रिपोर्ट के मुताबिक जब पुलिसकर्मी उन्हें कस्टडी में लेने आए तो वह कहीं नहीं जाने की जिद करने लगे। सीबीआई कोर्ट ने दो साध्वियों के बलात्कार के मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में साफ किया है कि ये सजा एक खत्म होने के बाद दूसरी सजा शुरू होगी। अदालत ने इस मामले में राम रहीम पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

कोर्ट ने कहा है कि ये पैसा पीड़िताओं को दिए जाएंगे। गौरतलब है की बीती 25 अगस्त को सीबीआई के जज जगदीप सिंह ने राम रहीम को साध्वी यौन उत्पीडऩ मामले में दोषी करार दिया था। डेरा प्रेमियों द्वारा उत्पात मचाए जाने के बाद पैदा हुई स्थिति को देखते हुए हरियाणा सरकार सीबीआई जज जगदीप सिंह को विशेष विमान से लेकर रोहतक पहुंचे। रोहतक की सुनारियां जेल में चल रहे स्कूल की लाईब्रेरी में अस्थाई कोर्ट रूम बनाया गया था। इस कोर्ट रूम में दोपहर ढाई बजे सजा सुनाए जाने की कार्यवाही शुरू हुई। कार्यवाही के दौरान कोर्ट रूम में दोनों पक्षों के वकीलों तथा जज समेत कुल आठ प्रतिनिधि मौजूद थे। सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा ने अपने तर्क रखते हुए राम रहीम को अधिक से अधिक सजा दिए जाने मांग की। सीबीआई के वकील एच.पी.एस. वर्मा ने पूरे घटनाक्रम का संक्षिप्त ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि गुरमीत राम रहीम ने लोगों को अपने साथ धार्मिक तौर पर जोडऩे के बावजूद बलात्कार जैसे घिनौने कार्य को अंजाम दिया है। सीबीआई वकील ने कहा कि राम रहीम के इस कृत्य से लोगों का धर्म गुरूओं से भरोसा उठ चुका है। उन्होंने अधिक से अधिक सजा दिए जाने की मांग की। राम रहीम के वकील एस.के.गर्ग नरवाना ने राम रहीम द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों का हवाला देते हुए सजा देते समय नरमी से पेश आने की अपील की। बचाव पक्ष ने कहा राम रहीम का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है और इन सभी तर्कों के आधार पर राम रहीम को सजा दिए जाने में नरमी बरतने की अपील करते हुए कम से कम सजा दिए जाने की अपील की। जज ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद राम रहीम के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा कि आपने दुष्कर्म जैसा घिनौना अपराध करते हुए अपने उस रूतबे का भी ख्याल नहीं किया जिसके माध्यम से लाखों-करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाएं आपके साथ जुड़ी हुई थी। दोनों पक्षों के तर्क पूरे होने के बाद जज ने अपना फैसला पढऩा शुरू किया तो कटघरे में खड़े राम रहीम ने रोना शुरू कर दिया। इसके बावजूद जज ने फैसला पढऩा जारी रखा। जज जगदीप सिंह ने करीब दस मिनट में पूरा फैसला पढ़ते हुए गुरमीत राम रहीम को दो साध्वियों के बलात्कार के मामले में दस-दस वर्ष की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि एक सजा खत्म होने के बाद दूसरी सजा शुरू होगी। इसका मतलब राम रहीम को 20 साल जेल में रहना होगा।इसके बाद जेल प्रबंधन ने राम रहीम का मेडिकल करवाया और उन्हें जेल की बैरक में भेज दिया। इसी दौरान बचाव पक्ष के वकील एस.के.गर्ग नरवाना ने कहा कि उनके मुवक्किल को सजा सुनाते समय कई पहलूओं की अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती दी जाएगी। सीबीआई के जज जगदीप सिंह द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम ने अचानक से पलटी मारी। फैसला सुनाने के बाद जज अदालत परिसर में ही मौजूद थे। राम रहीम ने अपने वकील के माध्यम से गुहार लगाई कि उन्हें यहां घटिया स्तर का खाना दिया जा रहा है। खाना बेहद खराब है। राम रहीम ने कोर्ट से कहा कि अदालत का फैसला आने के बाद उन्होंने चाय मांगी तो वह भी नहीं मिली। इसके बाद जज ने राम रहीम के वकील को कहा कि उन्हें अन्य कैदियों से हटकर ट्रीटमेंट नहीं दिया जा सकता है। जो अन्य कैदियों को मिलेगा वहीं इन्हें खाना होगा।

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