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नई दिल्‍ली: नीट-यूजी परीक्षा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग को खारिज कर दिया है और कहा कि रिटेस्‍ट कराने के बड़े परिणाम होंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डेटा से यह नहीं लगता है कि सिस्टेमैटिक ब्रीच हुआ है या पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है।

नए सिरे से नीट-यूजी का निर्देश गंभीर परिणामों से भरा होगा

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अदालत को लगता है कि इस वर्ष के लिए नए सिरे से नीट यूजी का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जो इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों के लिए होगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा करेगा। चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम और भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर भी असर पड़ेगा। यह वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिनके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसा कोई मैटरियल नहीं मिला जो दिखाता हो कि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अदालतों को केवल असाधारण परिस्थितियों में ही जमानत आदेश पर रोक लगानी चाहिए। शीर्ष अदालत में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश को खारिज करते हुए यह बात कही।

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने धन शोधन के एक मामले में एक आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘हालांकि, अदालत के पास जमानत पर रोक लगाने का अधिकार है, लेकिन ऐसा केवल असाधारण परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए।’

आपको बता दें कि इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि अदालतों को यांत्रिक तरीके से और बिना कोई कारण बताए जमानत आदेश पर रोक लगाने से बचना चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह फैसला धन शोधन के एक मामले में आरोपी परविंदर सिंह खुराना की याचिका पर सुनाया। खुराना ने अधीनस्थ अदालत द्वारा दिए गए जमानत आदेश पर अस्थायी रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मोदी सरकार का 11वां बजट मंगलवार को पेश हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश किया। बजट में उन्होंने कई मुद्दों पर अहम एलान किए। वहीं विपक्ष ने बजट को निराश करने वाला बताया है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय बजट पर कहा, "यह एक निराशाजनक बजट है, मुझे आम लोगों के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों के बारे में कुछ भी सुनने को नहीं मिला... आम लोगों की आय में सुधार के लिए उठाए गए किसी भी कदम का अपर्याप्त उल्लेख था। जब बात गंभीर आय असमानता की आती है तो सरकार की ओर से हमें बहुत कम देखने को मिलता है।"

कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र का नकल है बजट: खड़गे

इस बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह बजट उसके चुनावी घोषणा पत्र की नकल है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का "नकलची बजट"!

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश किया। इस बजट में किसानों, युवाओं, नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़े एलान किए गए हैं।

टैक्स स्लैब के तहत किया गया ये प्रावधान

नई कर व्यवस्था में व्यक्तिगत आयकर दरों पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'नई कर व्यवस्था के तहत, कर दर संरचना ऐसी होगी, जिसमें 0 से 3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3-7 लाख रुपये की आय पर 5% और 7-10 लाख रुपये की आय पर 10% आयकर लगेगा। वहीं 10-12 लाख की आय पर 15% और 12-15 लाख रुपये की सालाना आय पर 20%, और 15 लाख से अधिक की आय पर 30% आयकर लगेगा।

सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया है।

पारिवारिक पेंशन पर छूट की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों बदलावों से चार करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनर्स को फायदा मिलेगा।

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