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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। कल यानि मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। आज संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में बजट पर चर्चा हो रही है, लेकिन बजट के खिलाफ विपक्ष का आक्रामक रुख सदन के दोनों सदनों में देखने को मिला।

लोकसभा में बजट पर चर्चा की शुरूआत करते हुए हरियाणा से कांग्रेस सांसद एवं पूर्व मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए बड़ी मेहनत से जो घोषणा पत्र जारी किया था और जिसे हमारे नेता राहुल गांधी ने लोगों के बीच जाकर लोगों को गले लगाकर समझाया था, उसकी झलक सरकार ने अपने बजट में पेश करने की कोशिश की है। इस बजट को सरकार बचाओ बजट कहें या फिर एक और जुमला बजट कहें।

उन्होंने कहा तीन राज्यों का बजट में ज़ि​क्र तक नहीं किया गया, लेकिन सरकार बचाने वाले सहयोगियों के राज्यों खासकर बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज दिया गया।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। संसद की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार की तरफ से पेश किए गए पूर्ण बजट को लेकर इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों का कहना है कि बजट के जरिए मोदी सरकार ने राज्यों के साथ भेदभाव किया है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा के विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में संसद के मुख्य द्वार पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के सांसदों ने राज्यों के साथ भेदभाव वाले प्ले कार्ड लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस विरोध प्रदर्शन में सोनिया गांधी, अखिलेश यादव, कल्याण बनर्जी समेत सभी घटक दलों के सांसद मौजूद रहे।

बजट के जरिए सहयोगियों की मदद कर रही है सरकार: अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "हम सब मांग कर रहे थे कि किसानों को एमएसपी मिले, लेकिन समर्थन मूल्य किसानों को नहीं, बल्कि अपनी सरकार बचाने वाले सहयोगियों को दिया जा रहा है।"

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर सहयोगी दलों की बैठक में शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार पर भी चर्चा हुई। इस दौरान सपा को छोड़ कर गठबंधन के सभी सहयोगियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। टीएमसी सूत्रों ने बताया कि बिहार व आंध्र को छोड़कर ज्यादातर राज्यों की अनदेखी पर चर्चा हुई। क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने भी अनदेखी पर नाराजगी जाहिर की। इसके बाद बुधवार को विरोध प्रदर्शन पर सहमति बनी। नीति आयोग की आगामी बैठक के बहिष्कार का प्रस्ताव टीएमसी ने रखा, जिसका डीएमके ने समर्थन किया। हालांकि इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ।

नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे मुख्मयंत्री 

केंद्रीय बजट 2024-25 को कांग्रेस द्वारा भेदभावपूर्ण और खतरनाक बताया गया। कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की 27 जुलाई की नीति आयोग की बैठक को पार्टी के मुख्मयंत्री बहिष्कार करेंगे। कांग्रेस के इस निर्णय में तमिलनाडु सीएम ने भी सहमति जताई है।

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को 2024-25 में रक्षा व्यय के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के साथ-साथ रणनीतिक जलमार्गों में उभरती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंताओं के बीच अंतरिम बजट में आवंटित की गई राशि के लगभग बराबर ही है। फरवरी में पेश अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए कुल आवंटन 6,21,540 करोड़ रुपये था।

सरकार ने मंगलवार को 2024-25 के लिए रक्षा बजट के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले साल के 5.94 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा है। पूंजीगत व्यय 1,72,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। रक्षा क्षेत्र को कुल आवंटन वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार के कुल बजट का 12.9% है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पूंजीगत खर्च में इस विशेष कोटे का उद्देश्य देश में रक्षा उद्योग को बढ़ावा देना है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा बजट आवंटन में बढ़ोतरी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पूंजीगत व्यय तीनों सैन्य बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा तथा रक्षा क्षेत्र में 'आत्म निर्भर भारत' को और गति मिलेगी।

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