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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के मुर्शिदाबाद और मालदा जिले को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यहां पर एक सांसद कहते हैं बंगाल के कुछ जिलों को अलग कर केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाए। इस पर स्पीकर ने कहा कि उन्होंने अपनी बात अपने विशेषाधिकार में रखी है। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने काफी ज्यादा हंगामा किया। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था, "मैं मांग करता हूं कि मालदा, मुर्शिदाबाद, अररिया, किशनगंज, कटिहार और संथाल परगना क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाए, अन्यथा हिंदू यहां से गायब हो जाएंगे।"

तमिलनाडु के साथ हो रहा है सौतेला रवैया-एमडीएमके सांसद का आरोप

तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से एमडीएमके सांसद दुरई वाइको ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार उनके राज्य के प्रति सौतेला रवैया दिखा रही है। लोकसभा में वाइको ने कहा, "केंद्रीय बजट और केंद्र ने संविधान और संघवाद के प्रमुख पहलुओं को छोड़ दिया है। बजट में मेरे राज्य तमिलनाडु की उपेक्षा की गई है।

नई दिल्ली: राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर प्रश्नकाल के दौरान जोरदार हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन ने 12 जुलाई 2000 को किसानों की समस्याओं पर बनी कमेटी की बैठकों के ब्यौरे को लेकर सवाल किया। इसके जवाब में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान हमारे लिए भगवान की तरह है और किसान की सेवा हमारे लिए पूजा जैसी है। उन्होंने कहा कि इस समिति का गठन तीन उद्देश्यों- एमएसपी उपलब्ध कराने और व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के साथ कृषि मूल्य को अधिक स्वायत्तता और कृषि वितरण प्रणाली के लिए सुझाव देने के लिए हुआ था।

किसानों से सरकार का लेना देना नहींः सपा सांसद

कृषि मंत्री ने कहा कि समिति की 22 बैठकें हो चुकी हैं। समिति जो सिफारिश देगी, उस पर विचार किया जाएगा। इस पर रामजी लाल सुमन ने कहा कि ये अनिश्चचितता का वातावरण है। ये कब दूर होगा। उन्होंने कि ये सब बस बातों में है, धरातल पर कुछ नहीं है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): राष्ट्रपति भवन के प्रतिष्ठित 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' का नाम बदल दिया गया है। गुरुवार को दरबार हॉल को नया नाम गणतंत्र मंडप जबकि अशोक हॉल को अशोक मंडप दे दिया गया। राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी एक बयान में नए नामकरण की जानकारी दी गई। वर्तमान में दरबार हॉल का उपयोग नागरिक और रक्षा अलंकरण समारोहों की मेजबानी के लिए किया जाता है। वहीं अशोक हॉल का उपयोग खास औपचारिक कार्यक्रमों के लिए किया जाता है। आइये जानते हैं कि राष्ट्रपति भवन में दरबार हॉल और अशोक हॉल का इतिहास क्या है और अभी इनका नाम सचिवालय ने क्यों बदला?

राष्ट्रपति भवन का भव्य दरबार हॉल अपने पीछे एक लंबी विरासत समेटे हुए है। हॉल उस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी रहा जब आजाद भारत की पहली सरकार का यहां शपथ ग्रहण समारोह हुआ। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल की भव्यता मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। यह राष्ट्रपति भवन का सबसे शाही कमरा है। यह भी दिलचस्प है कि राष्ट्रपति भवन के इस हॉल का पहली बार नाम नहीं बदला है। पहले इसे 'सिंहासन कक्ष' के नाम से जाना जाता था।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानदारों को नामपट्टिका (नेमप्लेट) लगाने के आदेश पर अंतरिम रोक जारी रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे के बाद भी आदेश पर रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने उतराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। यूपी सरकार ने हलफनामा दाखिल कर दिया। अब अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी।

यूपी सरकार ने भेदभाव की बात स्वीकार की है: याचिकाकर्ता के वकील

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मुझे यूपी का जवाब आज सुबह मिला है। यूपी की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यूपी ने अपना जवाब दाखिल कर दिया। उत्तराखंड ने कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय चाहिए। मध्य प्रदेश ने कहा कि उनके प्रदेश मे ऐसा नहीं हुआ सिर्फ उज्जैन म्युनिसिपल ने जारी किया था, लेकिन कोई दबाव नहीं डाला गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जवाब में यूपी सरकार ने स्वीकार किया है कि कम समय के लिए ही सही हमने भेदभाव किया है।

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