ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में नीति आयोग की बैठक चल रही है। इस बैठक में बीजेपी शासित मुख्यमंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं। खबर है कि ममता बनर्जी बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं। इतना ही नहीं ममता ने इस दौरान कहा कि ये कैसे चल सकता है? ममता ने कहा, उन्होंने बैठक में अपना विरोध जताया। उन्हें बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया गया। ये कैसे चल सकता है?

मनमानी कर रही है केंद्र सरकार: ममता

ममता बनर्जी ने कहा, केंद्र सरकार मनमानी कर रही है। मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार को) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी, लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट बोलने दिया गया। मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की। विपक्ष से मैं अकेली थी, जो इस बैठक में भाग ले रही थी। लेकिन फिर भी मुझे बोलने नहीं दिया गया। यह अपमानजनक है। यह सिर्फ बंगाल का ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का अपमान है।

नई दिल्ली: दिल्ली में नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक शुरू हो गई है। विपक्ष के कई नेता इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। लेकिन ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होकर सभी को चौंका दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों का कोई भी मुख्यमंत्री बैठक में नहीं पहुंचा है।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार से लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन तक कोई भी इस बैठक में मौजूद नहीं है।

ममता बनर्जी ने की योजना आयोग की बहाली की मांग

नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए कई राज्यों के मुख्यमंत्री दिल्ली में इकट्ठा हुए हैं। बैठक में सभी राज्यों को अपनी चिंताओं और अहम मुद्दों को उठाने का मौका मिलेगा। ममता बनर्जी ने कहा," जब से नीति आयोग की योजना बनी, मैंने एक भी काम होते नहीं देखा है, क्योंकि उसके पास कोई शक्ति नहीं है। पहले योजना आयोग था। एक मुख्यमंत्री के तौर पर...उस समय मैंने देखा कि एक व्यवस्था थी।"

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद हरेंद्र मलिक ने सदन में हरिद्वार के टोल का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। इस दौरान सपा सांसद ने जजिया कर तक का भी जिक्र कर डाला। इसके साथ ही सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने सदन में लखनऊ के कैंसर हॉस्पिटल का भी जिक्र किया।

सपा सांसद ने कहा कि लखनऊ में 1000 करोड़ रुपये की लागत से बना हुआ कैंसर हॉस्पिटल तैयार खड़ा है, लेकिन आप उसमें डॉक्टर इसलिए नहीं भेज रहे कि वह अखिलेश यादव की सरकार में बना था। ये कहां का इंसाफ है, मैं सच कहूं तो चारों तरफ विकास के नाम पर लूट-खसोट के अलावा कुछ नहीं है। कहीं विकास नहीं हो रहा है, सिर्फ आपके नेताओं का विकास हो रहा है।

वहीं सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि रोज रोज हिंदू-हिंदू करते हो, हरिद्वार में हर हिंदू जाता है चाहे जिंदा जाए या मुर्दा, आप हरिद्वार को टोल मुक्त कर दो। जो हरिद्वार को रोड जाती है उस पर टोल न लगाओ, आप हरिद्वार पर भी जजिया कर ले रहें हैं। कहां आप जजिया कर नहीं ले रहे हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): इस बार के लोकसभा चुनाव के बाद देश की राजनीतिक स्थिति कई मायनों में बदली नजर आई। कभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ दोस्ती का रिश्ता रखने वाली बीजू जनता दल (बीजेडी) अब विरोधी पार्टी बन चुकी है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेडी की नजदीकियां इंडिया गठबंधन के साथ बढ़ रही हैं।

ये अटकलों का बाजार यूं ही गर्म नहीं हुआ है। दरअसल, बीजेडी के अध्यक्ष और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री जो कभी बीजेपी के साथी हुआ करते थे, लकिन उन्होंने हालिया बजट को ओडिशा विरोधी बताया। उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने राज्य की वास्तविक चिंताओं को नजरअंदाज करने का काम किया, जबकि बीजेपी ने घोषणा पत्र में ओडिशा के लिए कई चुनावी वादे किए थे।

एक तरफ बीजेडी सरकार को बाहर से समर्थन भी दे रही है, वहीं सरकार के बजट का विरोध भी कर रही है। वहीं, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने दिल्ली में एनडीए सरकार के सहयोगी सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख