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नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, दंपती ने रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया है। दरअसल, शनिवार देर रात आई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि कथित अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में दंपती की हिस्सेदारी थी।

क्या है हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट?

10 अगस्त को जारी नवीनतम हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सेबी की वर्तमान प्रमुख माधबी बुच और उनके पति के पास अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि 18 महीने पहले अडानी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन सेबी ने समूह पर कार्रवाई नहीं की।

माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ 10 अगस्त 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कई आरोप लगाए गए हैं।

नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। इस रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं। विपक्ष ने तत्काल इस मामले की जांच की मांग की है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार रात को कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी करते हुए कहा, “अडानी मेगास्कैम की जांच करने के लिए सेबी की अजीब अनिच्छा लंबे समय से देखी जा रही थी, खासकर सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति की ओर से.. उस समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सेबी ने 2018 में विदेशी फंडों के अंतिम लाभकारी (यानि वास्तविक) स्वामित्व से संबंधित रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को कमजोर कर दिया था और 2019 में पूरी तरह से हटा दिया था।”

जयराम रमेश के अनुसार, हिंडनबर्ग रिसर्च के नवीनतम आरोप गौतम अडानी की ओर से सेबी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने के तुरंत बाद बुच के साथ लगातार दो 2022 बैठकों के बारे में नए सवाल खड़े करते हैं।

नई दिल्ली: अमेरिका की रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति के पास कथित अडानी घोटाले के धन की हेराफेरी में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस खुलासे के बारे में सुबह सोशल मीडिया एक्स पर एलान कर दिया था। हालांकि सेबी की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।

18 महीने से सेबी ने नहीं की कार्रवाई: हिंडनबर्ग

हिंडनबर्ग रिसर्च के अनुसार अडानी समूह पर हमारी मूल रिपोर्ट को लगभग 18 महीने हो चुके हैं, जिसमें इस बात के भारी सबूत पेश किए गए थे कि भारतीय समूह कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला कर रहा था। तब से, सबूतों के बावजूद, साथ ही 40 से अधिक स्वतंत्र मीडिया जांचों ने हमारे मूल काम की पुष्टि और विस्तार किया, भारतीय प्रतिभूति नियामक सेबी ने अडानी समूह के खिलाफ कोई सार्वजनिक कार्रवाई नहीं की है। इसके बजाय, 27 जून 2024 को सेबी ने हमें एक स्पष्ट 'कारण बताओ' नोटिस भेजा। 

नई दिल्ली: लोकसभा और राज्यसभा दोनों में आज विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लोकसभा में जहां वक्फ बोर्ड विधेयक को लेकर हंगामा हुआ तो वहीं, राज्यसभा में जया बच्चन के मामले में हंगामा हुआ। इस बीच हंगामे के चलते राज्यसभा का 265वां सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं, लोकसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

तीन बार के स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही साढ़े तीन बजे आरंभ हुई तब सभापति जगदीप धनखड़ ने कुछ आवश्यक कामकाज निपटाने के बाद उच्च सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, उच्च सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई। सदन में प्रश्नकाल से ठीक पहले विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों पर विवाद हुआ जिससे प्रश्नकाल नहीं हो पाया।

धनखड़ और जया बच्चन में नोकझोंक

इसी दौरान सभापति धनखड़ और समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

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