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एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया

नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या और अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले पर स्वत:संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने घटना का संज्ञान लेते हुए मामले को मंगलवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई के लिए वाद सूची में शीर्ष पर रखा है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 20 अगस्त की वाद सूची के अनुसार, पीठ में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल होंगे।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में नौ अगस्त की दरमियानी रात को प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। अगले दिन सुबह उसका शव मिला था, जिसके बाद से डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल पुलिस से जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दी है।

नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री चिराग पासवान ने सोमवार (19 अगस्त) को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में लेटरल एंट्री को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि वह इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाने की योजना बना रहे हैं।

संघ लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी कर केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर “लेटरल भर्ती के लिए प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों” के लिए आवेदन मांगे थे। नौकरशाही में 45 पदों पर लेटरल एंट्री की आलोचना करने वाले पासवान पहले एनडीए सहयोगी हैं।

इस मामले को सरकार के समक्ष उठाऊंगा: चिराग पासवान

इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के रुख को साफ करते हुए उन्होंने कहा कि एलजेपी (आरवी) ऐसी नियुक्तियों के बिल्कुल पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा, “जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए।”

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई रेप की घटना को लेकर देश भर में लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस बीच अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी।

गौरतलब है कि इस मामले को लेकर एक याचिका जस्टिस डी वाई चंद्रचूड को लिखी गई थी। जिसमें सीजेआई से पूरे मामले पर स्वतः संज्ञान लेने की मांग की गई थी। पत्र में कहा गया था कि यह मामला केवल एक निर्दोष जीवन को खत्म करना नहीं है। यह हमारे राष्ट्र की आत्मा पर हमला है, न्याय और मानवता के आदर्शों का घोर अपमान है, जिसे हमारा महान संविधान कायम रखता है।

जिस क्रूर तरीके से इस युवा जीवन को ख़त्म कर दिया गया, उसने हमारे राष्ट्र की सामूहिक चेतना को झकझोर कर रख दिया है। एक होनहार डॉक्टर, जिसने स्वयं को उपचार करने और लोगों की जान बचाने के पवित्र कर्तव्य के लिए समर्पित कर दिया था। उसी परिसर में क्रूरतापूर्वक दुर्व्यवहार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा। हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से निकाली गई भर्ती का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार बड़े पदों पर भर्ती संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से कर रही है।

खुलेआम छीना जा रहा है आरक्षण

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट कर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।

उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है।

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