ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया

नई दिल्ली: अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद का असर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। बिहार और झारखंड में कई सेवाएं प्रभावित हुई हैं। झारखंड में बस सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बस अड्डों से बसें बाहर नहीं निकल पाई हैं।

बुधवार के बंद को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है। वामपंथी दलों ने भी हड़ताल के आह्वान का समर्थन किया है। वहीं, एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भी इस बंद को समर्थन दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि वो एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के पक्ष में नहीं है। 

बिहार के जहानाबाद में बंद समर्थक सड़कों पर नारेबाज़ी करते दिख रहे हैं। बिहार के ही आरा में बंद समर्थक रेलवे लाइनों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

नई दिल्ली: लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्तियों को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस विवादित फैसले को वापस ले लिया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्री जितेंद्र सिंह ने 'संघ लोक सेवा आयोग' (यूपीएससी) को चिट्ठी लिखी है, जिसमें इससे लेटरल एंट्री से भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। जितेंद्र सिंह ने ये चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद लिखी है।

यूपीएससी ने जारी किया था विज्ञापन

दरअसल, यूपीएससी ने शनिवार (17 अगस्त) को विभिन्न मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के पदों पर 45 स्पेशलिस्ट नियुक्त करने के लिए भर्ती निकाली। इन भर्तियों को लेटरल एंट्री के जरिए किया जाना था। हालांकि, इसे लेकर विपक्ष ने हंगाम खड़ा कर दिया और सरकार के इस कदम को आरक्षण छीनने की व्यवस्था बताया। लेटरल एंट्री के जरिए होने वाली भर्तियों के जरिए प्राइवेट सेक्टर के लोगों को भी बिना मंत्रालयों के प्रमुख पदों पर काम करने का मौका मिलता।

नई दिल्ली: कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस मामले पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान ली है। कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार, पुलिस और अस्पताल प्रशासन से कड़े सवाल पूछे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आठ सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स गठन करने का भी आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आखिर प्रिसिंपल क्या कर रहे थे। कोर्ट ने पूछा कि पुलिस ने क्राइन सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया। एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई। वहीं, कोर्ट ने कहा कि आरजी कर अस्पताल में डॉक्टरों की चल रहे विरोध प्रदर्शन को जबरदस्ती बंद न कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को सीबीआई स्टेटस रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 अगस्त को होगी।

कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ एक मर्डर का मामला नहीं है। कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा की चिंता भी जताई है। वहीं, सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर करने पर कोर्ट ने चिंता भी जाहिर की है।

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके योगदान को याद किया।

राहुल और कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने 'वीर भूमि' जाकर पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "आज देश सद्भावना दिवस मना रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत के महान सपूत थे। उन्होंने करोड़ों भारतीय नागरिकों में आशा की किरण जगाई और अपने अभूतपूर्व योगदान से भारत को 21वीं सदी में पहुंचा दिया।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना, पंचायती राज को मजबूत करना, दूरसंचार और आईटी क्रांति, कंप्यूटरीकरण कार्यक्रम, निरंतर शांति समझौते, महिला सशक्तिकरण, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और समावेशी शिक्षा पर जोर देने वाली नयी शिक्षा नीति जैसे उनके कई सुखद कदम देश में परिवर्तनकारी बदलाव लेकर आए।"

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख