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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस ने रविवार को एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा। कांग्रेस ने कहा कि यूपीएस में 'यू' का मतलब मोदी सरकार का यू-टर्न है। विपक्षी पार्टी ने यह कटाक्ष ऐसे समय किया गया है, जब शनिवार को ही केंद्र सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का एलान किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दे दी है और इससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। 1 जनवरी, 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल हुए कर्मचारियों को यूपीएस योजना का लाभ मिलेगा।

'सत्ता के अहंकार पर लोगों की शक्ति हावी': खड़गे

सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूपीएस को मंजूरी दी है, जो गारंटीकृत पेंशन का आश्वासन देती है। यूपीएस को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'यूपीएस में 'यू' का मतलब मोदी सरकार का यू टर्न है! 4 जून के बाद, प्रधानमंत्री की सत्ता के अहंकार पर लोगों की शक्ति हावी हो गई है।'

गौरतलब है कि आम चुनाव के नतीजे 4 जून  को ही घोषित किए गए थे। खड़गे ने कहा, 'दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ/सूचकांक के संबंध में बजट में वापसी। वक्फ विधेयक को जेपीसी को भेजना। प्रसारण विधेयक को वापस लेना। लेटरल एंट्री को वापस लेना इसका उदाहरण है।'

'जनता को निरंकुश सरकार से बचाएंगे'

कांग्रेस अध्यक्ष ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा पोस्ट में लिखा कि 'हम जवाबदेही सुनिश्चित करते रहेंगे और 140 करोड़ भारतीयों को इस निरंकुश सरकार से बचाएंगे!' बता दें कि नई पेंशन योजना न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी भी देती है। यूपीएस से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा और अगर राज्य सरकारें भी यूपीएस को लागू करती हैं तो इस योजना से लाभ पाने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 90 लाख हो जाएगी।

यूपीएस में मिलेंगे कई फायदे: केंद्रीय मंत्री

यूपीएस की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कर्मचारी की मौत की स्थिति में उसके जीवनसाथी को एक सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन प्रदान की जाएगी। साथ ही पेंशन पर महंगाई राहत भी मिलेगी जिसकी समय-समय पर महंगाई के हिसाब से गणना होगी। यूपीएस में कर्मचारियों का योगदान 10 प्रतिशत और सरकार का योगदान 18.5 प्रतिशत रहेगा। कई विपक्ष शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की गई है। लोकसभा चुनाव में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने का मुद्दा गरम रहा था। यही वजह है कि लोगों की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने एनपीएस की जगह यूपीएस लागू करने का फैसला किया है। ओपीएस वित्तीय रूप से टिकाऊ नहीं है क्योंकि यह अंशदायी नहीं है, और इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ता रहता है।

 

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