नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेजने का प्रस्ताव किया। संसद सदस्यों की मांग पर किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर विपक्षी सांसद और अधिक चर्चा करना चाहते हैं, तो हम इसके लिए तैयार हैं। हम किसी भी चीज से भागने वाले नहीं हैं क्योंकि हम कुछ गलत नहीं कर रहे। इसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वो इस मामले में कमिटी बनाने का काम करेंगे।
देश के वक्फ बोर्ड पर माफिया लोगों का कब्जा: किरेन रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मुस्लिमों को सिर्फ गुमराह किया जा रहा है। मुझसे मुस्लिम प्रतिनिधियों ने मुलाकात की है. बोहरा, अहमदिया समुदाय की संख्या कम है तो क्या उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जाएगा। क्या अगर उनकी संख्या कम है तो उनकी बात नहीं सुनी जानी चाहिए। अगर एक समुदाय छोटे-छोटे समुदाय को कुचल देगी तो हम इस सदन में बैठकर कैसे देखेंगे। विपक्ष सिर्फ चंद लोगों की आवाज उठा रहा है। देश में जितना भी वक्फ बोर्ड है, उस पर माफिया लोगों का कब्जा हो गया है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ कानून में बदलाव के लिए 2015 से ही सुझाव लिए जा रहे थे। 2024 में अचानक से बिल लेकर नहीं आया गया है। कश्मीर से लेकर लखनऊ तक बैठकें हुई हैं।
किरेन रिजिजू ने कहा कि तमिलनाडु में एक शख्स अपनी जमीन बेचने गए तो बताया गया कि आपकी जमीन तो वक्फ के नाम पर है। उस गांव का इतिहास 1500 साल पुराना है।
कर्नाटक राज्य में 2012 में अल्पसंख्यक कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया कि वक्फ बोर्ड ने हजारों एकड़ जमीन कमर्शियल लैंड में कन्वर्ट कर दिया। ये लोग मनमानी कर रहे हैं। कम से कम कांग्रेस को बोलना तो चाहिए था।
बिल पास होने के बाद पेंडिंग केस निपटाए जाएंगे: किरेन रिजिजू
किरेन रिजिजू ने कहा कि बिल पास होने के बाद जितने केस पेंडिंग पड़े हैं उसका नतीजा तय होगा और समयबद्ध कार्रवाई की जाएगी।
किरेन रिजिजू ने कहा कि इस बिल में जो टाइटल है, उसको हमने बदला है। 2013 में जो बदलाव किया गया था उसमें कोई भी वक्फ घोषित कर सकता था। लेकिन हमने बदलाव करके सिर्फ मुसलमानों को ये अधिकार दिया है।
इससे पहले लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को पेश किया। इस दौरान सदन में काफी ज्यादा हंगामा किया। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप लोग हल्ला मत करिए। जिन सदस्यों ने नोटिस दिया है, सभी को बोलने का मौका दिया जाएगा।
बिल संविधान पर हमला: कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये बिल संविधान में दिए गए अधिकारों पर चोट है। इस बिल के जरिए संविधान पर हमला किया जा रहा है। सरकार इस बिल को हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर लेकर आई है।
कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने कहा कि ये बिल संविधान के खिलाफ है। वक्फ बोर्ड के पास संपत्तियां उन लोगों के जरिए आती हैं, जो इसे दान करते हैं। सरकार इस बिल के जरिए ये प्रावधान कर रही है कि गैर मुस्लिम भी गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हो सकते हैं। मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या अयोध्या मंदिर बोर्ड का हिस्सा कोई गैर-हिंदू बन सकता है। गैर-मुस्लिम को काउंसिल का हिस्सा बनाना धर्म की आजादी के अधिकार पर हमला है।
उन्होंने कहा कि अभी आप कह रहे हैं कि आप संविधान बचा रहे हैं, ऐसा नहीं है। सरकार अभी मुस्लिमों को निशाना बना रही है, फिर ईसाइयों, जैनों, पारसी को निशाना बनाया जाएगा। हम लोग भी हिंदू हैं, लेकिन साथ ही हम अन्य धर्मों का भी सम्मान करते हैं।
मेरे महजब की चीजें कोई दूसरा कैसे तय करेगा: मोहिबुल्लाह नदवी
समाजवादी पार्टी से रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि वक्फ कानून में बदलाव के लिए लाए गए संशोधन बिल से भेदभाव होगा। कलेक्टर को कई अधिकार दिए जा रहे हैं। मेरे मजहब की चीजें कोई दूसरा कैसे तय करेगा। ये मजहब में दखलंदाजी है। दुनिया का सबसे पुराना वक्फ मक्का में है। कल को क्या हम कहेंगे कि अब वहां भी हमें बोर्ड में हिंदू भाई चाहिए। संविधान बचाने के लिए कहीं जनता सड़कों पर न आ जाए।
संघीय ढांचे के खिलाफ है संशोधन बिल: डीएमके सांसद कनिमोझी
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि संविधान सुप्रीम है और इसका संरक्षण होना चाहिए, लेकिन ये सरकार संविधान के खिलाफ जा रही है। यह बिल मानवता के भी खिलाफ है। ये संघीय ढांचे के भी खिलाफ है। ये बिल संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के खिलाफ है। ये बिल गैर मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल होने का प्रावधान करती है। ये बिल अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को उनके संस्थानों का प्रबंधन करने से संबंधित है। यह बिल एक विशेष धार्मिक समूह को टारगेट करता है।
वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता के लिए कानून बनाया जा रहा है: राजीव रंजन
जेडीयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने बिल का बचाव करते हुए कहा कि विपक्षी सांसदों की बातों से लग रहा है कि ये कानून मुस्लिम विरोधी है। इसमें कौन सा कानून मुस्लिम विरोधी है। यहां पर मंदिर और गुरुद्वारा प्रबंधक का उदाहरण दिया जा रहा है। अगर विपक्ष को मंदिर और संस्था में अंतर नजर नहीं आ रहा है तो ये कौन सा तर्क है। वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए कानून बनाया जा रहा है। कोई धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं हो रहा है।
बिल वापस लिया जाए, या स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए: सुप्रिया सुले
एनसीपी (शरद गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मेरी सरकार से गुजारिश है कि या तो बिल को वापस ले लिया जाए, क्योंकि वक्फ बोर्ड को चलाने वाले लोगों से कोई सलाह नहीं ली गई है। अगर सरकार इस बिल को वापस नहीं लेना चाहती है तो कम से कम स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए। बिना किसी सलाह के एजेंडा पुश नहीं किया जाए। यहां हैरानी वाली बात ये है कि हमें सरकार के जरिए बिल के बारे में मालूम नहीं चला, बल्कि मीडिया के जरिए हमें इस संबंध में पता लगा। क्या ये सरकार के काम करने का नया तरीका है। ये संसद और सांसदों का अपमान है।
राजनीति के तहत पेश हो रहा बिल: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के सासंद अखिलेश यादव ने कहा कि ये बिल सोची-समझी राजनीति के तहत पेश हो रहा है। बीजेपी, हताश, निराश, चंद कट्टर समर्थकों को संतुष्ट करने के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है। वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम को शामिल करने का क्या औचित्य बनता है। स्पीकर ओम बिरला को लेकर अखिलेश ने कहा कि मैंने आपसे कहा था कि आप लोकतंत्र के न्यायधीश हैं। मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आप के भी छीने जा रहे हैं, जिसके लिए हमें लड़ना होगा।
अखिलेश जी आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं: अमित शाह
समाजवादी पार्टी के सासंद अखिलेश यादव ने जब कहा कि स्पीकर के अधिकार छीने जा रहे हैं तो इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि स्पीकर के अधिकार सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं है, बल्कि पूरे सदन के लिए है। आप इस तरह की गोलमोल बात नहीं कर सकते हैं। आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं। इस दौरान सदन में बहुत ज्यादा हंगामा मच गया। स्पीकर ने कहा कि आसन पर कोई भी टिप्पणी नहीं की जाए।
संविधान का उल्लंघन कर रहा है ये बिल: ओवैसी
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस सदन के पास संशोधन करने की क्षमता नहीं है। ये संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 का उल्लंघन है। संविधान के ढांचे पर ये बिल हमला है। अगर एक हिंदू शख्स चाहे तो वह अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे-बेटियों को दे सकता है। मुस्लिम होने के चलते मैं सिर्फ एक तिहाई ही कर सकता हूं। मैं अल्लाह के नाम पर संपत्ति नहीं दे सकता हूं, क्योंकि इसमें कहा गया है कि जो पांच साल तक इस्लाम का पालन कर रहा होगा, वही दान दे सकता है।
कौन तय करेगा कि पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहा है कोई: ओवैसी
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का जिक्र करते हुए कहा कि बिल में पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाले शख्स को ही वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति दान करने की बात हुई है। ये कौन तय करेगा कि पांच साल से इस्लाम का पालन कौन कर रहा है। अगर किसी ने नया-नया धर्मांतरण किया है तो अब उसे वक्फ को दान करने से पहले पांच साल तक इंतजार करना होगा। क्या ये धर्म की आजादी के अधिकार का उल्लंघन नहीं है। हिंदू समितियों और सिख गुरुद्वारा प्रबंधक के लिए ऐसे कोई नियम नहीं हैं। इसमें कहा गया है कि अगर जिला अधिकारी कहता है कि मस्जिद को सरकारी जमीन बना दो और ऐसा नहीं किया जाता है तो इसके लिए सजा का प्रावधान है।
मुस्लिमों को टारगेट करने के लिए लाया गया बिल: कल्याण बनर्जी
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि ये बिल पूरी तरह से संविधान और नैतिकता के खिलाफ है। ये दुर्भावनापूर्ण विधेयक है। ये बिल सिर्फ मुस्लिमों को टारगेट कर रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। चुनाव से पहले देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश की गई है। मगर लोगों ने इसे खारिज कर दिया।