नई दिल्ली (आशु सक्सेना): कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में इसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि वहां पर सब कुछ ठीक है, जबकि पिछले कुछ महीने में 11 बार आतंकी हमले हुए हैं। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों और युवाओं को नजरअंदाज किया गया है। सोनिया ने आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि भले ही अभी माहौल हमारे पक्ष में है, लेकिन हमें बिना अति आत्मविश्वास में आए एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।
सोनिया गांधी ने दिया विधानसभा चुनाव में जीत का फॉर्मूला
दरअसल, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और बिहार में आने वाले महीनों में चुनाव होने वाले हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। झारखंड और बिहार में भी पार्टी ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करके दिखाया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इन राज्यों में एक बार फिर से कांग्रेस की वापसी हो सकती है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रही है।
हालांकि, अब शीर्ष नेता से पार्टी को सलाह भी मिल गई है।
माहौल हमारे पक्ष में, अति आत्मविश्वासी नहीं बनना: सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने कहा, "कुछ ही महीनों में चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हमें लोकसभा चुनाव में पैदा हुए मूमेंटम को बरकरार रखना है। हमें आत्मसंतुष्ट और अति आत्मविश्वासी नहीं बनना चाहिए। माहौल हमारे पक्ष में है, लेकिन हमें जीत की भावना के साथ एकजुट होकर काम करना होगा।" उन्होंने आगे कहा, "मैं यह कहने का साहस रखती हूं कि अगर लोकसभा चुनाव में देखे गए रुझान को दर्शाते हुए अच्छा प्रदर्शन किया जाता है तो राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा बदलाव आएगा।"
वायनाड के पीड़ितों के प्रति व्यक्त की गई संवेदना
संसदीय दल की बैठक में वायनाड भूस्खलन पीड़ितों को सांत्वना भी दी गई। उन्होंने कहा, "मैं वायनाड में आई भीषण आपदा से पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। तबाही का पैमाना चौंकाने वाला रहा है। राज्य में हमारे सहयोगियों की तरफ से लोगों की मदद की जा रही है। देश के अन्य हिस्सों में भी बाढ़ आई है और हम प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। कुप्रबंधन की वजह से रेल दुर्घटनाओं में भी हमारे लोग अपनी जान गंवाते रहते हैं। उनके साथ भी हमारी संवेदना है।"
देश के लोग महंगाई-बेरोजगारी से परेशान: सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने बजट को लेकर कहा, "किसानों और युवाओं की मांगों को इसमें नजरअंदाज किया गया है। कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आवंटन ने पूरा किए जाने वाले आवश्यक कार्यों के साथ न्याय नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और अन्य लोगों द्वारा बजट और इसकी तथाकथित उपलब्धियों के बारे में बात करने के बावजूद व्यापक निराशा है। केंद्र सरकार खास तौर पर इसके शीर्ष नेतृत्व के बीच भ्रम है, क्योंकि देशभर में करोड़ों परिवार बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से तबाह हो गए हैं।"
जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालातों का भी हुआ जिक्र
कश्मीर में हुए आतंकी हमलों पर सोनिया गांधी ने सरकार को जमकर घेरा और उसके हालात सामान्य होने के दावे पर सवाल उठाए। सोनिया ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में बेहद परेशान करने वाली खबर है। पिछले कुछ हफ्तों में अकेले जम्मू क्षेत्र में कम से कम ग्यारह आतंकी हमले हुए हैं। घाटी में भी ऐसे हमले हुए हैं। सुरक्षाकर्मियों और बड़ी संख्या में नागरिकों की जान गई है। यह मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे उन दावों का मजाक उड़ाता है कि जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक है।"
मणिपुर का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "मणिपुर के हालातों में सुधार के संकेत नहीं दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन वह मणिपुर जाने और वहां के हालात को सामान्य करने की पहल से इंकार करते हुए नजर आ रहे हैं।"
सरकार का जनगणना कराने का इरादा नहीं: सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने जनगणना नहीं करवाए जाने पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, "ये बिल्कुल साफ है कि सरकार का जनगणना कराने का कोई इरादा नहीं है, जो 2021 से पेंडिंग पड़ी है। इसकी वजह से हमें देश की जनसंख्या, विशेषकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की संख्या के बारे में मालूम नहीं चल रहा है। इसके चलते हमारे कम से कम 12 करोड़ नागरिक पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभ से वंचित हैं।"
आरएसएस को लेकर कही ये बात
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव के झटके से मोदी सरकार सबक लेगी. मगर इसके बजाय वे समुदायों को बांटने, डराने और दुश्मनी का माहौल फैलाने की अपनी नीति पर कायम है। सौभाग्य से, सुप्रीम कोर्ट ने सही समय पर हस्तक्षेप किया।" उन्होंने कहा, "मगर ये अस्थायी राहत है। देखिए कि कैसे नौकरशाही को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने की इजाजत देने के लिए नियमों को अचानक बदल दिया गया है। यह खुद को एक सांस्कृतिक संगठन कहता है लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि यह बीजेपी का राजनीतिक और वैचारिक आधार है।"
सोनिया गांधी ने कहा, "पिछले वर्षों में शिक्षा सबसे बुरी क्षति में से एक रही है। देश को आगे ले जाने के बजाय पूरी शिक्षा व्यवस्था को दोषपूर्ण और चालाकीपूर्ण बताया जा रहा है। किस प्रकार प्रतियोगी परीक्षाएं करवाई गई हैं, इसमें पेपर लीक होने से लाखों युवाओं का विश्वास नष्ट हो गया है और उनके भविष्य पर गहरा आघात लगा है। एनसीईआरटी, यूजीसी और यहां तक कि यूपीएससी जैसे संवैधानिक निकायों जैसे संगठनों का पेशेवर चरित्र और स्वायत्तता पूरी तरह से नष्ट हो गई है।"