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नई दिल्ली: देश में लगातार हो रहे रेल हादसों को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट किया कि आखिर भारत सरकार की संवेदनहीनता का अंत कब होगा? वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार रेल हादसों का रिकॉर्ड बना रही है। झामुमो और शिवसेना (यूबीटी) ने भी सरकार पर हमला किया।

रेल हादसों की दुखद शृंखला सी चल रही है: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पोस्ट किया कि ट्रेन हादसे अब नियमित से हो गए हैं। हर हफ्ते घटनाएं हो रही हैं। क्या यही शासन है? सुबह एक और विनाशकारी रेल दुर्घटना हुई। हावड़ा-मुंबई मेल झारखंड के चक्रधरपुर डिवीजन में पटरी से उतर गई। कई मौतें और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। यह बेहद दुखद है। हर सप्ताह रेल हादसों की दुखद शृंखला सी चल रही है। रेलवे ट्रैक पर मौत और यात्रियों के घायल होने का यह सिलसिला कब तक चलेगा? हम इसे कब तक बर्दाश्त करेंगे? क्या भारत सरकार की संवेदनहीनता का कोई अंत नहीं होगा?

सरकार बना रही रेल हादसे का रिकॉर्ड: अखिलेश

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार हर क्षेत्र में रिकॉर्ड बनाना चाहती है। अभी पेपर लीक का रिकॉर्ड चल रहा था। परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे थे। उसका भी रिकॉर्ड बनने जा रहा था। इसके पीछे-पीछे रेल हादसों का रिकॉर्ड बन रहा है। सुरक्षा और संरक्षा का इतना बड़ा बजट होने के बाद भी इतने रेल हादसे क्यों हो रहे हैं? आम लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। हादसे में जिनकी मौत हुई है, उनकी सरकार मदद करे। साथ ही आगे ऐसे हादसे न हों उसके सरकार पुख्ता इंतजाम करे। वायनाड भूस्खलन को लेकर अखिलेश ने कहा कि सरकार ने सीओपी29 और जी20 में ग्लोबल वार्मिंग को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की गईं। कुछ दिन पहले उत्तराखंड में भूस्खलन हुआ था। वहां लगातार भूस्खलन हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है, यह बताया जाए।

रेलमंत्री रील बनाना बंद करके रेलवे पर ध्यान दें: झामुमो

झारखंड में हुए रेल हादसे के बाद झारखंड की सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी केंद्र सरकार पर हमला किया। झामुमो की ओर से कहा गया कि रेल मंत्री रील बनाना बंद करके रेलवे पर ध्यान दें। हेमंत सोरेन या इंडिया ब्लॉक का इसमें कोई हाथ नहीं है। हमें ईडी/सीबीआई में फंसाने की धमकी न दें। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को टैग किया गया कि ट्रेन हादसे की पूरी जिम्मेदारी रेल मंत्री और केंद्र सरकार की है। रेल मंत्री को रील बनाने से रोकें और उनसे रेलवे पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध करें।

रेल मंत्री प्रचार में व्यस्त हैं: प्रियंका

झारखंड हादसे को लेकर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि लगातार ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाएं हो रही हैं। यह बेहद शर्मनाक है। रेल हादसों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। हमारे रेल मंत्री प्रचार में व्यस्त हैं। ऐसे हादसों पर उनकी कोई जवाबदेही नहीं है। वे इस मुद्दे पर संसद में कोई चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनता को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। रेल मंत्री की इसमें जवाबदेही तय होनी चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए।

यात्रियों की सुरक्षा से किया जा रहा खिलवाड़: सागरिका घोष

झारखंड रेल हादसे को लेकर टीएमसी विधायक सागरिका घोष ने भी केंद्र सरकार पर वार किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि ट्रेनों की सुरक्षा में अनदेखी के चलते लोगों को रोज परेशानी उठानी पड़ रही है। एनडीए पर हमला करते हुए सागरिका ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा गठबंधन सरकार को जागने के लिए और कितनी ट्रेन दुर्घटनाएं होंगी? रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहां हैं? वह केवल अंशकालिक रेल मंत्री हैं। जो विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में भाजपा के चुनाव प्रबंधन को संभालने में व्यस्त हैं। जबकि यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। टीएमसी नेता ने कहा कि मोदी केवल फोटो खिंचवाकर ट्रेनों को हरी झंडी दिखाना चाहते हैं, जबकि ट्रेनों में बुनियादी सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। ऐसे मामलों में सरकार की जवाबदेही की कमी बेहद शर्मनाक है।

पटरी से उतर गए 18 डिब्बे

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में मंगलवार तड़के ट्रेन नंबर 12810 मुंबई-हावड़ा मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना में दो लोगों की मौत की खबर है। वहीं, 20 यात्री घायल हो गए। कुल घायलों में पांच लोगों को हल्की चोटें आई हैं और उनका घटनास्थल पर ही इलाज कर दिया गया। हालांकि, कुछ यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हावड़ा से सोमवार रात को निकली यह ट्रेन मंगलवार तड़के ही हादसे का शिकार हुई। दक्षिण-पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटनास्थल के करीब ही एक मालगाड़ी भी पटरी से उतर गई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह घटनाएं एक ही समय पर हुईं या अलग-अलग वक्त पर। इसकी जांच की जा रही है।

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