नई दिल्ली: दिल्ली में नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक शुरू हो गई है। विपक्ष के कई नेता इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। लेकिन ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होकर सभी को चौंका दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों का कोई भी मुख्यमंत्री बैठक में नहीं पहुंचा है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार से लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन तक कोई भी इस बैठक में मौजूद नहीं है।
ममता बनर्जी ने की योजना आयोग की बहाली की मांग
नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए कई राज्यों के मुख्यमंत्री दिल्ली में इकट्ठा हुए हैं। बैठक में सभी राज्यों को अपनी चिंताओं और अहम मुद्दों को उठाने का मौका मिलेगा। ममता बनर्जी ने कहा," जब से नीति आयोग की योजना बनी, मैंने एक भी काम होते नहीं देखा है, क्योंकि उसके पास कोई शक्ति नहीं है। पहले योजना आयोग था। एक मुख्यमंत्री के तौर पर...उस समय मैंने देखा कि एक व्यवस्था थी।"
बैठक में शामिल होने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा स्थापित आयोग को खत्म कर योजना आयोग को बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत में बीजेपी को "टुकड़े-टुकड़े मंच" करार देते हुए कहा कि वह अपने राज्य को विभाजित नहीं होने देंगी।
किन राज्यों ने किया नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु समेत सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में आने से इंकार कर दिया है। तमिलनाडु के अलावा बैठक में तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, केरल और झारखंड के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हो रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करते हुए सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट बीजेपी का बहिष्कार करने वाले राज्यों और लोगों के प्रति प्रतिशोध की कार्रवाई जैसा लगता है। उन्होंने इस बजट को इंडिया गठबंधन को वोट देने वालों से बदला लेने के लिए तैयार किया है। स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार लगातार तमिलनाडु की उपेक्षा कर रही है।
नीति आयोग की बैठक में किन मुद्दों पर फोकस
पीएम मोदी आज नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। बैठक में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर फोकस रहेगा। जबकि एमके स्टालिन के अलावा देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया है।