नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों के लिए 'सर्वाधिक परेशानी' का सबब बन गया है। उन्होंने कहा कि 2024-25 का बजट कृषि गतिविधियों से जुड़े लोगों के मुद्दों का समाधान करने में विफल रहा है।
सुरजेवाला ने 'खेती और किसान' विरोधी बजट बताया
केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेगे हुए सुरजेवाला ने कहा, "यह बजट गठबंधन सरकार को बचाने, सहयोगियों को खुश करने और हार का बदला लेने का प्रयास है।" उन्होंने कहा, "वित्त मंत्री ने जब तीन शब्दों किसानों, गरीबों और युवाओं के साथ बजट भाषण की शुरुआत की तो पूरा देश उम्मीदों से भर गया। लेकिन कुछ ही मिनटों में स्पष्ट हो गया कि यह बजट 'कुर्सी बचाओ-सहयोगी दल बचाओ' और 'हार का बदला लेते जाओ' बजट है।" कांग्रेस नेता ने पूछा कि बजट में किसानों, युवाओं और गरीबों के लिए क्या है? उन्होंने इसे खेती और किसान विरोधी बजट बताया है।
कांग्रेस सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि बीते दस वर्षों में किसानों को परेशानी हुई है। इसके लिए उन्होंने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का उदाहरण दिया। सुरजेवाला ने 2024-25 के खरीफ के सीजन में एक भी फसल के लिए 'सी2+50%' फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी तय न करने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, "वित्त मंत्री ने सदन के पटल पर एक गलत बयान दिया है कि सरकार ने उत्पादन लागत पर 50% पर एमएसपी दिया है।" सुरजेवाला ने अपनी बात साबित करने के लिए कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा शिफारिश की गई विभिन्न फसलों के एमएसपी की तुलना 'सी2 + 50%' के आधार और सरकार द्वारा घोषित वास्तविक एमएसपी के आधार पर की। 'सी2 +50%' का फॉर्मूला दिवंगत प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथ ने पेश किया था। इसके तहत सी2 में उत्पादन शामिल होनी चाहिए, जिसमें किसानों के स्वामित्व वाली भूमि और मशीनरी पर किराया और ब्याज शामिल है।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार घोषित एमएसपी पर किसानों से पर्याप्त मात्रा में फसलों की खरीद नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, "वे एमएसपी की घोषणा करते हैं, लेकिन एमएसपी पर खरीद नहीं करते हैं। भाजपा और मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में एमएसपी किसानों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी की वजह बन गया है।"
इंडेक्सेशन लाभ हटाने से रियल एस्टेट क्षेत्र में आएगा कालाधन: राघव चड्ढा
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने भी केंद्रीय बजट 2024-25 में भाग लेते हुए कहा कि पुरानी संपत्तियों की बिक्री पर इंडेक्सेशन लाभ हटाने के सरकार के फैसले से रियल एस्टेट क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कालाधन आएगा। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र में निवेश कम होगा। सरकार से प्रस्ताव वापस लेने की मांग करते हुए चड्ढा ने कहा कि लोग कभी अपने सपनों का घर नहीं खरीद पाएंगे।
चड्ढा ने कहा, "दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन को बहाल करें। पूरी दुनिया में निवेशकों को निवेश करने के लिए आकर्षित करने के लिए उन्हें प्रोत्साहन दिया जाता है। इस देश में इंडेक्सेशन को हटाकर हम निवेशक वर्ग को हतोत्साहित कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि इंडेक्सेशन को हटाना, निवेशकों को दंडित करने जैसा है।
उन्होंने कहा कि बजट 2024-25 में वित्त मंत्री सीतरमण के प्रस्तावित कदम के चलते पुरानी संपत्तियों को बेचने वाले व्यक्तियों को अधिक कर देना होगा। आप नेता ने कहा, अगर आप इंडेक्सेशन लाभ को वापस नहीं लाते हैं तो इस देश में तीन चीजें होंगी। पहला, रियल एस्टेट में निवेश कम होगा और लोग कभी भी अपने सपनों का घर नहीं खरीद पाएंगे। दूसरा, संपत्ति के सौदों का मूल्यांकन कम होगा, लोग सर्कल रेट पर संपत्ति खरीदें और संपत्ति के वास्तविक मूल्य का खुलासा कभी नहीं करेंगे। तीसरा, अगर आप इंडेक्सेशन लाभ हटाने के फैसले को वापस नहीं लेते हैं, तो कालेधन का भारी प्रवाह होगा।