नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने आज लोकसभा में पिछली लोकसभा में लाए गए किसान बिल और किसानों के आंदोलन को लेकर सवाल उठाए। लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि सदन में तीन कृषि कानूनों पर चर्चा नहीं हुई। स्पीकर ने जोर देकर कहा कि चर्चा हुई थी। यह कानून बाद में वापस ले लिए गए थे।
कृषि बिल किसानों से मशवरा किए बिना लाए गए: अभिषेक बनर्जी
पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर लोकसबा क्षेत्र के सांसद अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि इन बिलों को लेकर न तो विपक्ष से न ही किसान संगठनों से सलाह ली गई थी और इन्हें सदन में बिना चर्चा के पारित कर दिया गया था। इसको लेकर सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा किए जाने पर बनर्जी ने उसे बहस की चुनौती दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें टोका और कहा कि सदन में चुनौती नहीं, अपनी बात कहें। लोकसभा में अभिषेक बनर्जी ने कहा कि ''किसान बिल बिना विपक्ष और किसान संगठनों से मशवरा किए लाया गया। इसको लेकर किसानों ने बहुत व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।''
किसी भी चैनल पर बहस के लिए चैलेंज
इस पर बीजेपी के सांसदों ने शोर मचाया तो उन्होंने कहा कि ''मैं अपनी बात रोक रहा हूं. मैं बीजेपी से सवाल पूछ रहा हूं... मिनिस्टर को इसका जवाब देना है.. इनमें से कोई भी अगर जवाब देना चाहता है, कोई भी मीडिया चैनल तय कर ले, टाइम बता दे, मैं आ जाऊंगा। इनके सीने में दम है और अगर हिम्मत है तो...मैं इन्हें बहस करने के लिए चैलेंज देता हूं।''
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ''आप चुनौती मत दीजिए, अपनी बात कहिए ... बाहर चुनौती दीजिए, सदन में नहीं।''
'जब स्पीकर बोलता है, तो वह सही बोलता है'
ओम बिरला ने कहा कि ''इस रिकार्ड को क्लियर कर लो। किसान विधेयक पर।इस सदन में साढ़े पांच घंटे चर्चा हुई थी।'' अभिषेक बनर्जी ने कहा, ''बिल पर कोई चर्चा नहीं हुई.'' इस पर बिरला ने कहा, ''जब स्पीकर बोलता है, तो बोलता है, और वह सही बोलता है। आप अपने आप को करेक्ट करो। मैं जब बोल रहा हूं, तो मैं कभी गलत नहीं बोल सकता।''
इसके बाद बनर्जी ने कहा, ''इस सदन में लोग ताली बजा रहे हैं, 700 किसान मारे गए, उनको मौत के घाट उतारा गया। क्या एक मिनिट के लिए खड़े होकर उनको श्रद्धांजलि दी? यहां ताली बजा रहे हैं।''
दो लोगों को खुश रखने के लिए बनाया गया बजट
इससे पहले बनर्जी ने अपने संबोधन में बजट को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा, जिस पर सत्ता पक्ष, विशेषकर बंगाल के बीजेपी सांसदों की ओर से प्रतिक्रिया आई। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव ने कहा कि बजट में "दृष्टिकोण की स्पष्टता" का अभाव है और इसका उद्देश्य देश के 140 करोड़ लोगों को राहत प्रदान करने के बजाय भाजपा के गठबंधन सहयोगियों को संतुष्ट करना है।
बनर्जी ने कहा, "यह बजट दो व्यक्तियों द्वारा अन्य दो लोगों को खुश रखने के लिए बनाया गया है।" उन्होंने कहा कि इसे "दो लोगों ने मिलकर बनाया है, दो लोगों के लिए लागू किया गया है।" उन्होंने कहा कि "जनविरोधी" बजट "दो राजनीतिक दलों को रिश्वत देने और सरकार के ढहने से पहले समय खरीदने" के लिए बनाया गया है।
तृणमूल सांसद टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के नेता नीतीश कुमार का जिक्र कर रहे थे। बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपने बलबूते बहुमत का आंकड़ा नहीं छू सकी। इस पर उसने जेडीयू और टीडीपी के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा पार किया और एनडीए की सरकार बनाई। विपक्षी दलों ने तर्क दिया है कि बजट 2024 बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए उदार है, जहां बीजेपी के दोनों प्रमुख सहयोगी दलों की सत्ता है, लेकिन अन्य राज्यों को कुछ भी पर्याप्त नहीं मिला।