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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): नारी शक्ति वंदन बिल आज लोकसभा में पेश हुआ। विशेष सत्र के दूसरे दिन नए संसद भवन में लोकसभा और विधान परिषदों में महिला को 33 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाला बिल लोकसभा में पेश किया गया। राज्य सभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच जमकर नोंकझोंक हुई। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विधेयक में ओबीसी को शामिल नहीं किए जाने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए।

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमजोर वर्ग की महिलाओं के साथ भेदभाव होता है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण हो।

राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर खड़गे के बयान को लेकर हंगामा हुआ। उन्होंने महिला आरक्षण बिल में ओबीसी को आरक्षण ना मिलने के मुद्दे को उठाया और इसे पिछड़ों के साथ अन्याय बताया। मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनका ये बयान बिल्कुल सतही है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि वे हमें श्रेय नहीं देते, लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था, लेकिन इसे रोक दिया गया था।

खड़गे के बयान पर निर्मला सीतारमण नाराज़गी जताई

मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनका ये बयान बिल्कुल सतही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियां उन महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है। प्रधानमंत्री जी, हमारी पार्टी ने हम सभी को सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं।

महिला आरक्षण बिल में एससी/एसटी के लिए एक तिहाई आरक्षण

बता दें कि इस बिल पर बुधवार को सदन में चर्चा की जाएगी। पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियन नाम दिया है। उन्होंने कहा कि इस बिल से लोकतंत्र मजबूत होगा और लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। इसमें एससी/एसटी के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान है। कल महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के बाद इसे फिर पारित किया जाएगा।

 

 

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