नई दिल्ली: संसद का विशेष सत्र अगले हफ्ते 18 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। सरकार ने बुधवार को विशेष सत्र के एजेंडा का खुलासा किया है। पांच दिवसीय सत्र में संसद के 75 साल के इतिहास पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान सरकार चार विधेयकों को भी मंजूरी देगी, जिनमें मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित विधेयक भी शामिल है। इस विधेयक को लेकर काफी विवाद है। संसद का विशेष सत्र 22 सितंबर तक चलेगा।
लोकसभा सचिवालय के एक बुलेटिन में कहा गया है कि 18 सितंबर को संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा- उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख पर चर्चा होगी। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, इस सत्र में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, डाकघर विधेयक, अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक और प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक को मंजूरी दी जाएगी। बता दें कि भारत ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं। इसे सरकार ने सालभर चलने वाले 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तौर पर मनाया है।
17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक
18 सितंबर से शुरू होने वाले ससंद के विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई गई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका एलान किया। उन्होंने कहा, 'इस संबंध में आमंत्रण संबंधित नेताओं को ई मेल से भेज दिये गए हैं। पत्र भी भेजे जाएंगे।'
प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ने हाल ही में अपने बुलेटिन में बताया था कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा। सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा। इसमें कहा गया है कि सत्र आमतौर पर सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे और फिर दोपहर बाद 2 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा। सचिवालय सूत्रों के अनुसार विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा।