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नई दिल्ली: संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार ने अब तक इस सत्र को लेकर एजेंडा साफ नहीं किया है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार नाराजगी जता रहा है। इस बीच सरकार ने विशेष सत्र से ठीक एक दिन पहले 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

विशेष सत्र में अडानी मामले में जेपीसी गठन की मांग

इस बीच कांग्रेस ने विशेष सत्र का एजेंडा साफ न बताने के लिए मोदी सरकार को घेरा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बिना नाम लिए कहा कि सिर्फ दो ही लोगों को विशेष सत्र का एजेंडा पता है। रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा, आज 13 सितंबर है और विशेष सत्र को शुरू होने में सिर्फ पांच दिन हैं। लेकिन सिर्फ एक व्यक्ति (हो सकता है दूसरे व्यक्ति) को ही इसके एजेंडे के बारे में जानकारी है। कांग्रेस ने अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग बुधवार को फिर उठाई और कहा कि अगर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जेपीसी के गठन की घोषणा के साथ संसद के नए भवन में कामकाज का आगाज होना चाहिए।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला भी दिया जिसमें कहा गया है कि अडाणी समूह से संबंधित एक पूर्व कांट्रैक्टर ने उच्चतम न्यायालय से इस समूह से संबंधित मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है। अमेरिकी कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अदाणी समूह के खिलाफ ‘अनियमितताओं’ और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगए जाने के बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर हमले और जेपीसी से जांच की मांग कर रही है। अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया था और उसका कहना था कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है।

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