नई दिल्ली: भारत की अध्यक्षता में दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। रविवार (10 सितंबर) को समिट के समापन पर पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम, फ्रांस के राष्ट्रपति समेत दुनिया भर के नेताओं ने समिट को लेकर भारत की तारीफ की।
देश के कई नेताओं ने भी जी-20 शिखर सम्मेलन पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान बीजेपी और विपक्षी दलों के नेताओं में जुबानी जंग भी देखने को मिली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर पलटवार किया।
मेहमानों से भारत की हकीकत छुपाने की जरूरत नहीं: राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार (9 सितंबर) को जी-20 समिट के बीच केंद्र पर निशाना साधते हुए एक्स पर पोस्ट किया था, "भारत सरकार हमारे गरीब लोगों और जानवरों को छुपा रही है। हमारे मेहमानों से भारत की हकीकत छुपाने की जरूरत नहीं है।"
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया पलटवार
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी के बयान पर सोमवार को कहा, "कुछ ऐसे दल होते हैं जिन्हें जब भारत विश्व में एक सितारे के रूप में उभर रहा हो तब एक बेचैनी का अनुभव होता है। कुछ लोगों की विचारधारा अपनी लकीर लंबी खींचने की नहीं दूसरे की लकीर छोटी करने की होती है।"
शरद पवार का मोदी सरकार पर निशाना
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, "ऐसे सम्मेलनों की मेजबानी करना हमारा कर्तव्य है। इस तरह के आयोजन भारत में पहले दो बार हुए थे, एक बार जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और वैश्विक नेता भाग लेने भारत आए थे, लेकिन चांदी और सोने की प्लेटें पहली बार देखी गईं, मोदी सरकार अस्वस्थ है।"
मल्लिकार्जुन खड़गे क्या बोले?
जी-20 को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "अब जब जी-20 की बैठक खत्म हो गई है, तो मोदी सरकार को घरेलू मुद्दों पर अपना ध्यान आकर्षित करना चाहिए। अगस्त में भोजन की एक आम थाली का दाम 24% बढ़ गया, बेरोजगारी दर 8% है, युवाओं का भविष्य अंधकारमय है। मोदी सरकार के कुशासन में भ्रष्टाचार की बाढ़ आ गई है।"
लालू प्रसाद ने उठाया सवाल
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद ने सवाल उठाया कि भारत के आम लोगों को जी-20 सम्मेलन से क्या लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, "देश में स्थिति अच्छी नहीं है। महंगाई और बेरोजगारी चरम पर हैं। लोग भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। नरेन्द्र मोदी ने चुनाव करीब आते देख फिर लोगों को ठगना शुरू कर दिया है, लेकिन इस बार सत्ता से उनकी विदाई पक्की है।"
जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन को छलावा करार देते हुए लालू प्रसाद ने कहा, "आम नागरिकों को उससे क्या फायदा मिला।" उन्होंने आरोप लगाया कि देश में इसके आयोजन पर बहुत भारी धनराशि खर्च की गई।
क्या बोले अखिलेश यादव?
समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, "विदेशी मेहमानों को सोने की थाली में छप्पन भोग परोसा और देश के करोड़ों लोग हैं बस पांच किलो अनाज के भरोसे, अगला चुनाव इसी भेद को मिटाने के लिए लड़ा जाएगा।"
शशि थरूर ने की सराहना
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली डिक्लेरेशन (घोषणापत्र) पर आम सहमति बनाने के लिए भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत की प्रशंसा की और कहा कि यह जी-20 में भारत के लिए गौरवशाली क्षण था। थरूर ने शनिवार रात किए पोस्ट में कहा, "दिल्ली डिक्लेरेशन पर आम सहमति को लेकर भारत के जी-20 शेरपा का कहना है कि रूस, चीन से बातचीत की गई, गत रात ही अंतिम मसौदा मिला, जी-20 में भारत के लिए गर्व का क्षण।"
अधीर रंजन चौधरी का केंद्र पर निशाना
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, "राजधानी की वास्तविक स्थिति यानि गरीबी, लोगों की दुर्दशा को छुपाने के लिए झुग्गियों को तिरपाल के पीछे डाल दिया गया।"
अन्य विपक्षी नेताओं ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, "सरकार मल्लिकार्जुन खड़गे को बुलाती तो दुनिया के सामने एकजुटता का संदेश जाता।" कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, "जो बाइडेन की टीम का कहना है कि मीडिया को उनसे और पीएम से सवाल पूछने की अनुमति नहीं दी।" वहीं आप नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "नई बिल्डिंग के अंदर पानी भरना शर्म की बात है।"
उपराष्ट्रपति ने दी बधाई
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सरकार को बधाई देते हुए कहा, "जी-20 में अपनाया गया नयी दिल्ली घोषणापत्र एक व्यापक दस्तावेज है, क्योंकि यह समृद्ध भविष्य के निर्माण में सामूहिक वैश्विक कार्रवाई का खाका पेश करता है। शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन और सफल समापन के लिए भारत, दूरदर्शी नेतृत्व और पूरी टीम को बधाई।