नई दिल्ली: एक देश एक चुनाव पर केंद्र सरकार ने आठ सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। कानून मंत्रालय ने इसे लेकर एक अधिसूचना भी जारी की है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय हित में देश में एक साथ चुनाव कराना वांछनीय है। ऐसे में भारत सरकार एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे की जांच करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करती है।
कानून मंत्रालय के मुताबिक, इस समिति का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। साथ ही इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष सी कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी सदस्य के रूप में होंगे।
कमेटी का नाम उच्च स्तरीय समिति और अंग्रेज़ी में एचएलसी कहा जाएगा. विधियों न्याय विभाग के सचिव नितेन चंद्र इसका हिस्सा होंगे। नितेन चंद्र एचएलसी के सचिव भी होंगे। इसके अलावा कमेटी की बैठक में केंद्रीय न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहेंगे। दरअसल एक राष्ट्र, एक चुनाव का मतलब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराना है।
पीएम मोदी क्या दलील देते रहे हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वन नेशन, वन इलेक्शन की पैरवी करते रहे हैं। उन्होंने 2018 में संसद को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘लगातार चुनाव से न सिर्फ मानव संसाधन पर अत्यधिक बोझ पड़ता है बल्कि चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से इन विकास कार्यों को पूरा करने की प्रक्रिया भी बाधित होती है।''