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नई दिल्ली: भारत ने बृहस्पतिवार को फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों के 26 नौसैनिक प्रारूपों और फ्रांस द्वारा डिजाइन की गयी तीन स्कॉर्पीन श्रेणी पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने उस दिन खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिवसीय पेरिस यात्रा शुरू की और एक दिन बाद वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से व्यापक बातचीत करेंगे। दोनों बड़ी खरीद परियोजनाएं 80,000 करोड़ रुपये से 85,000 करोड़ रुपये के बीच की हो सकती हैं।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हथियार प्रणालियों और कलपुर्जों सहित संबंधित सहायक उपकरणों की खरीद के साथ राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद एक अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) पर आधारित होगी और सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विचार करने के बाद फ्रांस सरकार के साथ कीमत तथा खरीद की अन्य शर्तों पर बातचीत की जाएगी।

भारत और फ्रांस दोनों पक्ष पहले से अपने रणनीतिक और रक्षा संबंधों को और विस्तार देना चाहते हैं।

भारत और फ्रांस के अधिकारी इस दिशा में भी बातचीत कर रहे हैं कि फ्रांसीसी रक्षा विनिर्माता कंपनी साफरान भारत में एक लड़ाकू विमान इंजन बनाने के लिए किसी भारतीय रक्षा विनिर्माता के साथ हाथ मिलाए। यह इंजन भारत के अगली पीढ़ी के विमान और भविष्य के आधुनिक मध्यम लड़ाकू विमान के लिए तैयार किया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘डीएसी ने अंतर-सरकारी समझौते के आधार पर फ्रांस सरकार से भारतीय नौसेना के लिए संबंधित सहायक उपकरण, हथियार, सिम्युलेटर, कलपुर्जे, दस्तावेजीकरण, चालक दल प्रशिक्षण आदि के साथ 26 राफेल समुद्री विमानों की खरीद के लिए ‘आवश्यकता की स्वीकृति’ (एओएन) प्रदान की।’’

उसने कहा कि विमानों की आपूर्ति, अनुबंध पर हस्ताक्षर के तीन साल के अंदर शुरू होगी। उसने कहा कि अंतिम करार होने में एक साल लग सकता है क्योंकि मूल्य पर विस्तृत बातचीत करनी है।

मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों के ऐसे ही विमानों के तुलनात्मक खरीद मूल्य सहित सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विचार करने के बाद फ्रांस की सरकार के साथ मूल्य और खरीद की अन्य शर्तों पर बातचीत की जाएगी।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘आवश्यक बातचीत के बाद भारत द्वारा डिजाइन उपकरणों के एकीकरण को और अनुबंध दस्तावेज में अनेक प्रणालियों के लिए रख-रखाव, मरम्मत और परिचालन (एमआरओ) हब की स्थापना को शामिल किया जाएगा।’’

रक्षा सूत्रों ने बताया कि 26 राफेल एम विमानों में से चार विमान प्रशिक्षक होंगे। राफेल-एम विमान इस डेक आधारित प्लेटफॉर्म का नौसैनिक प्रारूप है।

डीएसी रक्षा खरीद पर निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई है। उसने भारत में तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के विनिर्माण के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी।

रक्षा खरीद बोर्ड (डीपीबी) ने एक सप्ताह पहले ही परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी थी।

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय नौसेना स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए 26 डेक-आधारित लड़ाकू विमानों की खरीद पर विचार कर रही है।

नौसेना ने लंबी प्रक्रिया के बाद खरीद के लिए बोइंग एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांसीसी कंपनी दासॉल्ट एविएशन के राफेल एम विमान के बारे में विचार किया। बाद में राफेल एम इस दौड़ में विजेता रहा।

भारतीय वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान पहले ही खरीदे जा चुके हैं।

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