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नई दिल्ली: बेंगलुरु में विपक्षी दलों की जो बैठक 17 -18 जुलाई को होने जा रही है, उसमें शामिल दलों की संख्या 24 हो गई है। पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में 15 दल इकट्ठा हुए थे। बेंगलुरु की बैठक में आरएलडी के जयंत चौधरी भी शामिल होंगे, जो पिछली बैठक में नहीं थे। इस बार की बैठक में भी आम आदमी पार्टी शामिल होगी हालांकि दिल्ली के अध्यादेश के मामले को लेकर आप और कांग्रेस में अभी भी तनातनी बनी हुई है। कांग्रेस ने अभी तक साफ नहीं किया है कि दिल्ली अध्यादेश पर उनका रुख क्या होगा।

सोनिया गांधी ने सभी पार्टियों को डिनर पर बुलाया, आप को भी दिया न्योता

विपक्षी दलों की इस बैठक में सोनिया और राहुल गांधी के भी शामिल होने की संभावना है। विपक्षी दलों की यह दूसरी बैठक होगी। इससे पहले पटना में सभी विपक्षी दलों ने पिछले महीने ही एक बैठक की है। सूत्रों के अनुसार 18 जुलाई को होने वाली बैठक से पहले सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी दलों को डिनर पर भी आमंत्रित किया है। आम आदमी पार्टी को भी न्योता दिया गया है।

सूत्रों के एक अनुसार सोनिया गांधी 18 जुलाई को होने वाली इस बैठक से ठीक एक दिन पहले इस डिनर का आयोजन कर सकती हैं।

यह है नई आठ पार्टियां

2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्ष मोर्चाबंदी कर रहा है। प्रमुख विपक्षी नेता गैर एनडीए पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। पटना में विपक्षी एकता की पहली बैठक आयोजित की गई थी। अब 17-18 जुलाई को बेंगलुरू में दूसरी बैठक करेंगे, जिसमें 24 विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेता शामिल होंगे। पटना की बैठक के बाद बेंगलुरू की बैठक में आठ नई पार्टियां शामिल हो रही हैं। इनमें मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) उन शामिल हैं। बता दें, केडीएमके और एमडीएमके 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के सहयोगी थे।

बेंगलुरु की बैठक में कम से कम तीन वर्किंग ग्रुप बनेंगे

बेंगलुरु की बैठक में कम से कम तीन वर्किंग ग्रुप बनाए जाएंगे, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है कॉमन एजेंडा तैयार करना और समान मुद्दों को तलाशना जिस पर समूचा विपक्ष इकट्ठा होकर चुनाव लड़ सके। एक वर्किंग ग्रुप राज्यों में गठबंधन की रूप रेखा तैयार करेगा। इसमें यह पहले से तय होगा कि क्षेत्रीय दलों के साथ यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए हैं। इसी ग्रुप का काम होगा कि विपक्ष का एक ही उम्मीदवार बीजेपी के खिलाफ कैसे उतारा जाए। तीसरा वर्किंग ग्रुप अगले महीने यानी अगस्त से विपक्षी नेताओं की साझा रैलियों की तारीखों पर काम करेगा। विपक्षी दलों की बेंगलुरु में हो रही बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गई है कि एनसीपी में टूट के बाद पहली बार शरद पवार इसमें शामिल होंगे और ममता बनर्जी बंगाल में स्थानीय चुनावों में कांग्रेस और वामदलों के खिलाफ लड़ कर उन्हीं नेताओं के बीच बैठेंगी। इस बैठक में विपक्षी नेता अपने फ्रंट के नाम और संयोजक चुनने पर बात करेंगे और उम्मीद करते हैं कि इन दोनों नामों की घोषणा की जाए। संयोजक के रूप में नीतिश कुमार का नाम सबसे ऊपर है।

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