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नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई हिस्सों में रविवार को मूसलाधार बारिश हुई और भूस्खलन एवं वर्षा जनित विभिन्न घटनाओं में कई लोगों की मौत हो गई। दिल्ली में यमुना सहित देश के उत्तरी क्षेत्र में कई नदियां उफान पर हैं। कई शहरों और कस्बों में सड़कें तथा आवासीय क्षेत्र घुटनों तक पानी में डूब गए और रिकॉर्ड बारिश के चलते निकाय व्यवस्था पंगु नजर आई। अचानक आई बाढ़ से पर्वतीय इलाकों में सड़कें बह गईं। हिमाचल में तो बारिश की वजह से उफान पर आई नदियों ने रौद्र रूप ले लिया है। आलम ये है कि कुछ जगह पर सड़क बह गई तो कहीं पर पुल।

मौसम विभाग के मुताबिक अगले 2 दिनों तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ‘पंजाब, हरियाणा, यूपी और पूर्वी राजस्थान में भी अगले दो दिनों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है।

हिमाचल में आज भी भारी बारिश का अनुमान है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है और साथ ही एक हेल्‍पलाइन नंबर-1100,1070,1077 भी जारी किया है।

सीएमओ से जारी बयान में कहा गया, "आपदा की इस घड़ी में एकजुट होकर सरकार का सहयोग करे और अगले 24 घंटो तक घरों में ही रहें।"

इधर, दिल्ली में बारिश और जलभराव को लेकर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में यमुना के बढ़ते स्तर पर भी चर्चा होगी। बैठक में फ्लड कंट्रोल विभाग के बड़े अधिकारी और एमसीडी के अधिकारी भी शामिल होंगे।

दिल्ली से हिमाचल तक बारिश से हाहाकार

उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बीते दो दिन से मॉनसून की बारिश से मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन इलाकों में अलग-अलग हादसों में 19 लोगों की मौत हुई है। सबसे ज़्यादा तबाही हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुई है। हिमाचल के कुल्लू, मनाली और मंडी में कई जगह भू स्खलन की घटनाएं हुई, जिससे चंडीगढ़-मनाली हाईवे का एक हिस्सा भी बह गया। हिमाचल में भारी बारिश से 700 से ज़्यादा सड़कें बंद हैं। तीन नेशनल हाईवेज़ पर भी ट्रैफ़िक रोकना पड़ा है। यहां बिजली का संकट भी खड़ा हो गया है। क़रीब 1800 बिजली ट्रांसफ़ॉर्मर ठप्प पड़ गए हैं। राज्य में दो दिन के लिए स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। चंबा, कांगड़ा, मंडी, उना, हमीरपुर, बिलासपुर ज़िलों में भारी बारिश के अलर्ट के चलते लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने कई इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ की आशंका जताई है। शिमला, सोलन और सिरमौर ज़िलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में होगी जमकर बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के पहाड़ों में सोमवार को भी बारिश की संभावनाएं जताई गई हैं। इसके अलावा मैदानी इलाकों में बारिश की तीव्रता कम होगी। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली तथा अन्य स्थानों के लोगों द्वारा जलमग्न सड़कों पर कागज की नावों की तरह तैरते वाहन, आवासीय क्षेत्रों में गंदा पानी घुसने, उफनती नदियों और भूमि के धंसने के कारण तटों पर डूबे हुए मंदिर और अन्य संरचनाओं की तस्वीरें ऑनलाइन साझा की गईं। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जबकि दिल्ली में अधिकारियों ने यमुना के बढ़ते जल स्तर को लेकर चेतावनी दी है। राष्ट्रीय राजधानी में 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई।

मैदानी इलाकों में बीते दो दिन से मॉनसून की बारिश से मुश्किलें बढ़ीं

सामान्य जनजीवन ठप होने के कारण दिल्ली और इसके आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) शहरों गुरुग्राम और नोएडा में स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे। गाजियाबाद में बारिश के कारण दो दिन और उसके बाद ‘कांवड़ यात्रा' के कारण 17 जुलाई तक स्कूल बंद रहेंगे। भारी बारिश से रेलवे सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। उत्तर रेलवे ने कहा कि लगभग 17 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं और लगभग 12 अन्य का मार्ग बदला गया है। जलभराव के कारण चार स्थानों पर यातायात रोक दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में 10 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश के पूर्वानुमान को लेकर ‘रेड अलर्ट' जारी किया गया है। राज्य में भूस्खलन की तीन अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य से संबद्ध सभी सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों को दो दिनों (10 और 11 जुलाई) के लिए बंद कर दिया है।

शिमला जिले के कोटगढ़ इलाके में भूस्खलन के चलते एक मकान के ढहने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई, जबकि कुल्लू और चंबा जिलों से एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना है। हिमाचल प्रदेश आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, पिछले 36 घंटों में चौदह बड़े भूस्खलन और अचानक बाढ़ की 13 घटनाओं की सूचना मिली है, जबकि 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं। इस बीच, उत्तराखंड में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुलर के पास भूस्खलन के चलते एक जीप के नदी में गिरने से तीन तीर्थयात्री गंगा में डूब गए। राज्य आपदा मोचन बल और पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि जीप में 11 लोग सवार थे। उन्होंने बताया कि पांच लोगों को बचा लिया गया है, जबकि तीन अन्य की तलाश जारी है और बचावकर्मियों ने तीन शव बरामद कर लिए हैं।

जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों के साथ-साथ लद्दाख से भी हिमपात की खबरें हैं, जहां भारी बारिश को लेकर ‘रेड अलर्ट' जारी किया गया है। नदियों में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने के साथ जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा जिलों के साथ ही निचले जलग्रहण क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट' जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति के चंद्रताल में लगभग 200 लोग फंस गए और ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग का एक हिस्सा बह गया। अचानक बाढ़ से भूस्खलन और भू-धंसाव के कारण उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों तक सड़क मार्ग से पहुंचना मुश्किल हो गया है। मनाली में दुकानें बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में नालों में उफान से वाहनों के बह जाने की भी सूचना मिली हैं।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कई हिस्सों में रविवार को लगातार तीसरे दिन भी भारी बारिश और बेमौसम बर्फबारी होने के कारण दो सैनिकों समेत पांच लोगों की मौत हो गयी। जलाशयों के जलस्तर में वृद्धि के कारण, मौसम विभाग ने जम्मू क्षेत्र और लद्दाख के कुछ हिस्सों के लिए सोमवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि जम्मू क्षेत्र के कई निचले इलाकों के लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जम्मू कश्मीर के पुंछ में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में बहे दो सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

हरियाणा ने यमुना में छोड़ा एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी

दिल्ली सरकार ने हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बराज से यमुना नदी में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद रविवार को बाढ़ की चेतावनी जारी की। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने एक आदेश में कहा कि शाम चार बजे हथिनीकुंड बराज से 1,05,453 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़े जाने के चलते पहली चेतावनी जारी की गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि भारी वर्षा के कारण कौशल्या बांध में जलस्तर ‘बहुत' बढ़ गया है।

 

 

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